Ashish Sharma की ये दिलेरी हर देशवासी का दिल छू लेगी
एक 29 साल के techie Ashish Sharma ने एक multi-national corporation में अपनी नौकरी छोड़ दी| ताकि वह 9000 किलोमीटर पैदल चलकर भीख माँगने के लिए धकेले जाने वाले बच्चों के खिलाफ protest कर सके। Ashish Sharma एक ‘child begging-free India’ का सपना देखते हैं और अपने सपनों को पूरा करने के लिए वो 17 हजार किलोमीटर की journey पर निकले हैं।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोनॉटिक्स से aircraft maintenance cum mechanical engineer Ashish, बच्चों को सड़कों पर भीख माँगता देख एक child rights activist बन गये| इस nation-wide walk में, आशीष मिजोरम से होते हुए त्रिपुरा पहुंचे| उन्होनें कहा कि छोटे बच्चों को ज़िंदा रहने के लिए भीख माँगते देखना pathetic है| उन्हें अपने माँ-बाप का कोई पता नहीं है। उन्होनें 9 ऐसे बच्चों को बचाया और उन्हें juvenile homes में rehabilitat किया। उनमें से ज्यादातर trafficking और organized begging के victims थे।
इस Delhite ने जम्मू-कश्मीर में उधमपुर से nation-wide walk शुरू की और जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हिमाचल, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, दमन-दीव, सिल्वासा, महाराष्ट्र, गोवा, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, सिक्किम, असम, मिजोरम, नागालैंड, मणिपुर और त्रिपुरा सहित 21 राज्यों में 9,139 किलोमीटर कवर किया| Ashish ने अपने द्वारा बचाए हुए last बच्चे को रेस्क्यू करने के बाद ही इस nationwide walk पर जाने का फ़ैसला किया| आशीष अक्सर बच्चों को दिल्ली की सड़कों पर भीख माँगते देखते हैं| इस disturbing sight ने ही उन्हें child rights और child begging जैसी चीज़ों को रोकने के लिए, लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए, walk पर जाने के लिए motivate किया|
Indian flag, एक backpack, एक mobile phone और कुछ पैसे लेकर, Ashish Sharma ने अपनी journey के दौरान मिलने वाले हर इंसान को ‘जय हिंद’ कहा| कई बाधाओं का सामना करने के बावजूद, आशीष सड़कों पर भीख मांगने वाले बच्चों के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए एक relentless mission पर आगे बड़ रहे हैं| 6 लाख रुपये सालाना देने वाली नौकरी छोड़ने पर, Ashish को अपने परिवार वालों का opposition भी सहना पड़ा| अपने काम के लिए determined Ashish ने कहा कि शुरुआत में इस बात के लिए उन्हें घरवालों द्वारा पीटा भी गया। लेकिन धीरे-धीरे, वो उनकी एक child begging-free India के सपने को समझ गये और अब वो Ashish का पूरा support करते हैं|
इस techie-turned-activist ने सरकार में अपना विश्वास खो दिया है क्योंकि उन्हें लगता है कि उनसे अधिकार मांगना केवल बहरे कानों पर आवाज़ लगाने जैसा है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के सत्तर साल बाद भी हमें बच्चों के भीख माँगने के खिलाफ आवाज उठानी पड़ रही है| उन्हें लगता है कि समाज की भी उतनी ही ज़िम्मेदारी है जितनी कि सरकार की है। और अब उन्होनें ज़िम्मेदारी लेनी शुरू कर दी है|
Ashish Sharma अक्टूबर 2019 तक स्वर्गीय राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के burial place रामेश्वरम में 17 हजार किलोमीटर लंबी walk को पूरा कर लेंगे|
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