मुंबई बारिश से प्रभावित 1,000 गरीब लोगों को Dabbawalas ने खिलाया ख़ाना
मुंबई के Dabbawalas के पास वक़्त है और फिर से उन्होनें साबित किया है कि बीएमसी के अपूर्ण वादे और सामान्य जीवन में व्यवधान के बावजूद शहर की भावना हर मानसून के मौसम में कैसे बनी हुई है। भूख के खिलाफ लड़ाई जीतने के उद्देश्य से उनकी रोटी बैंक पहल शुरू की गई थी|
चूंकि अधिकतम बारिश के चलते ज़्यादातर शहर बंद हो गये, शहर के प्रसिद्ध ‘Dabbawalas’ ने सभी को ये हौसला देने का फैसला किया कि जब मुश्किल हो रही है, तो मुश्किल से लड़ना चाहिए| राष्ट्रीय दैनिक से बात करते हुए, मुंबई डब्बावालस एसोसिएशन के एक प्रवक्ता ने कहा कि क्यूंकी लोग मानसून की मार झेल रहे हैं, तो उन्होनें भी आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि के 1,000 लोगों को खिलाने का फ़ैसला किया है|
Mumbai Dabbawalas Association के सुभाष तालेकर ने बताया कि चर्च गेट और विरार सेवाओं के बीच नॉन-ऑपरेशनल रेलवे कॉरिडर के बारे में पता चलने पर सुबह 7.30 बजे तक सर्वीसज़ सस्पेंड कर दी गयीं थी| उन्होंने कहा कि ऑर्गनाइज़ेशन ने अपने सभी सदस्यों को सूचित किया कि सभी डब्बों को उनके स्थानीय घरों तक वापिस पहुँचा दिया जाए क्यूंकी बिना लोकल ट्रेन नेटवर्क के डिलीवरी असंभव थी| तलेकर ने कहा कि खाना खराब हो जाता क्योंकि डिलीवरी करने का कोई रास्ता नहीं था।
Dabbawalas ने दावा किया कि उन्होंने बारिश से अफेक्टेड हजारों लोगों को खाना खिलाया| यह एक रोटी बैंक नामक पहल के माध्यम से किया गया था जिससे उन्होंने पिछले साल ही हाथ मिलाया था। पूर्व महाराष्ट्र डीजीपी डी शिवानंदन द्वारा 2017 में शुरू किया गया रोटी बैंक को “भूख के खिलाफ लड़ाई जीतने” के उद्देश्य से लॉन्च किया गया था। ये एक 24/7 हेल्पलाइन (9111891118) और एक वेबसाइट (www.rotibankindia.com) की सहायता से काम करते हैं जिनका उपयोग उन लोगों द्वारा किया जा सकता है जो जरूरतमंदों को भोजन दान करना चाहते हैं। रोटी बैंक लॉन्च होने से पहले भी डब्बावाल गरीबों को अनौपचारिक रूप से खाना खिलाने की इस पहल की प्रॅक्टीस करते थे|
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