धर्म नहीं बल्कि दोस्ती की सच्ची मिसाल बने ये बच्चे
अगर दोस्ती की मिसाल देने को कहें तो आप किसका नाम लेंगे? जय-वीरू, मोगली-बल्लु, टिमौन-पुमबा, विननी द पू और उसके दोस्त, मिक्की माऊस-प्लूटो, कारण-अर्जुन, मुन्नाभाई-सर्किट, ये सब हैं।
इनके आलवा भी बहुत से हैं जिनकी दोस्ती हमने बड़े या छोटे पर्दे पर देख रखी है और उसको देख कर बड़े प्रेरित भी हुए हैं। मगर आज की जो कहानी है, ऐसी दोस्ती असल ज़िंदगी मे मिल जाये तो फिर समझ लीजिये कि आपको खुद ख़ुदा मिल गया हो। चलिये, अब इतनी भूमिका बांध ही दी है तो आपका परिचय भी करवा ही देते हैं।
इस जोड़ी में पहला किरदार है अनुग्रह, जैसा कि नाम से पता चल रहा है, अनुग्रह एक लड़का है। मगर कोई ऐसा-वैसा आम लड़का नहीं है वो। अनुग्रह के साथ विशेष बात ये है कि वो सेरेबरल पालसी से जूझ रहा है। सेरेबरल पालसी यानि की वो बीमारी जिसकी वजह से दिमाग आपके मांसपेशियों को सही तरीके से काम करने का संदेश नहीं दे पाता है। इस बीमारी की वजह से चार साल पहले तक अनुग्रह चलना, लिखना, और खाना जैसे रोज़मर्रा के काम नहीं कर पाता था। मगर अब वो ये सारे काम ठीक-ठाक तरीके से करने के साथ-साथ ही अपना थोड़ा-बहुत खयाल भी रख लेता है।
अब आप सोच रहे होंगे कि अनुग्रह के बारे में इतना बता दिया पर दोस्ती के दूसरे किरदार का क्या, तो जी बस उनके बारे मे ही बता रहे हैं अब। दरअसल अनुग्रह जो ये सब कर पा रहा है, वो सिर्फ और सिर्फ अपनी दोस्त और क्लासमेट फातिमा बिसमी की वजह से कर पा रहा है। दोनों एक ही स्कूल मे पढ़ते हैं और स्कूल मे जो भी वक़्त अनुग्रह गुजारता है, उसमे फातिमा ही उसका खयाल रखती है। मजे कि बात ये है कि इनकी अनूठी दोस्ती देख कर इलाके के ही एक ओर्थोडॉक्स सीरियन क्रिश्चियन चर्च के मुखिया ने इन दोनों को ही 2.5 लाख कि राशि इनाम में देने की घोषणा की है। उनका कहना है कि जहां एक तरफ हम समाज के विभिन्न समुदायों के बीच आए दिन सांप्रदायिक तनाव कि खबरें सुबते हैं वहीं ये बच्चे दूसरे समुदायों से होने के बावजोड़ भी जो मिसाल सबके लिए पेश कर रहे हैं उससे तो इनाम से नवाजा ही जाना चाहिए।
इतना ही नहीं। फातिमा को उनके बेहतरीन काम और जज़्बे के लिए स्कूल में भी कई बार समान से नवाजा जा चुका है। साथ ही उनके पिता मुहम्मद अली भी कहते हैं कि वो फातिमा पर फक्र करते हैं कि उनकी बेटा ऐसा नेक काम कर रही हैं। वाकई, फातिमा का ये काम देख कर हमारा भी दिल खुशी से भर आता है, और अनुग्रह तुम्हें तो सच में इस दोस्त मे रूप मे जैसे खुदा ही मिल गया हो।
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