S Asker Ali ने कर दिखाया Impossible को Possible
Impossible एक fact नहीं, बल्कि एक opinion है। ये कहावत, वास्तव में मणिपुर के एक छोटे से समुदाय के पहले IAS Officer, S Asker Ali के जीवन को दर्शाती है, जिसने उन्हें एक trend set करने में मदद की। Resources की कमी के बावजूद, इस आदमी ने IAS Officer बनने का अपना सपना पूरा किया।
S Asker Ali मणिपुर के Meitei-Pangal नाम की एक minority community से belong करते हैं| राज्य की आबादी का सिर्फ आठ प्रतिशत हिस्से वाले मीतेई पंगल के पास opportunities तक पहुँचने का शायद ही कोई मौका है। यहां तक कि limited access और economic और financial जैसी विभिन्न कठिनाइयों के बावजूद, उन्होनें अपने academic interests को आगे बढ़ाया| दिल्ली यूनिवर्सिटी से फिज़िक्स में ग्रॅजुयेट, Asker ने ग्रॅजुयेशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद एक कोचिंग इन्स्टिट्यूट में अड्मिशन ले लिया।
167वीं रैंक हासिल करने वाले Asker ने कहा कि वो 9th क्लास के बाद से ही IAS बनना चाहते थे| उन्होंने 2015 में UPSC क्लियर कर लिया और ऐसा करने वाले अपने राज्य के पहले इंसान बन गये| उन्होनें कहा कि स्कूल के दौरान, वो अपने खेतों में माता-पिता के साथ काम करते थे| वहीं से उन्हें कड़ी मेहनत का मूल्य समझ में आया था|
उन्होंने आगे कहा कि आज वो पहले direct IAS हैं| ये सफ़लता हमेशा उनके साथ है और उन्हें हमेशा इस बात का गर्व होगा। उन्होनें कहा कि ये उनके बहुत स्पेशल है क्यूंकी भले ही ये एक छोटी सी सफलता हो, लेकिन ये उनकी community के दूसरे लोगों के लिए सफ़लता हासिल करने के लिए मार्गदर्शन बनेगा| Community देखेगी कि कैसे education एक game-changer बन सकती है और बेहतर भविष्य की तरफ, ये एक कदम है।
उन्होंने एक positive note के साथ कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कहां से आए हैं और हम कौन हैं| एक IAS के रूप में हम एक भारतीय हैं और हमें देश के लिए काम करना चाहिए। हम सबसे अच्छे और तेज़ी से प्रगति करेंगे, अगर हम अपनी diversity को एक ताकत बनाएँगे, सभी को साथ लेकर चलेंगे और जब हम one Nation की तरह सोचेंगे|
कई कठिनाइयों से मिली उनकी सफ़लता, निश्चित ही youths को आगे आकर अपना नाम बनाने के लिए motivate करेगी|
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