पिथौरागढ़ की लड़की ने Mount Kanchenjunga पर पहुँच किया दुनिया में नाम
पिथौरागढ़ के एक छोटे से गांव में पैदा हुई Sheetal Raj को बहुत कम उम्र में ही पहाड़ों से प्यार हो गया था| 22 साल की उम्र में, वो दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची पहाड़ी Mount Kanchenjunga पर चढ़ने वाली सबसे youngest woman बन गई हैं|
जब उनके Sherpa ने उन्हें बताया कि वो टॉप पर पहुंच गए हैं, तो उनकी बॉडी में अचानक फिर से एनर्जी आ गयी| ये उनके लिए शरीर में बिजली दौड़ने जैसा था। वो बेहद overwhelmed हो गयी, टूट गयी और उन्होनें Sherpa को गले लगा लिया। 21 मई को 8,586 मीटर high Kanchenjunga summit के टॉप पर होने के अपने experience को बताते हुए Sheetal ने कहा कि वो unbelievable था।
टैक्सी ड्राइवर पिता और गृहणी मां की बेटी Sheetal Raj बचपन से ही पहाड़ों से प्यार करती थीं। वो अपनी मां के साथ लकड़ी की तलाश में पहाड़ों के जंगलों में जाती थी। Sheetal ने कहा कि वहां का view और silence उन्हें बहुत सुकून देता था|
उन्हें 2014 में एक climbing expedition का हिस्सा बनने का पहला chance मिला। वो अपने कॉलेज की NCC unit की member थीं| NCC ने ही उन्हें उस expedition के बारे में था और Sheetal पूरे मन से उसमें जाना चाहती थी| उन्होनें अपने माता-पिता से कहा कि वो एक trip पर जा रही है, लेकिन फिर भी उन्होंने मना कर दिया। शीतल ने बड़ी मुश्किल से उन्हें convinced किया। लेकिन उनके वापस आने के बाद जब उन्हें पता चला कि वो एक mountain expedition पर गयी थी तो परिवारवालों ने उन्हें बहुत डाँट लगाई|
बहुत कठिनाई के बाद, राज ने अपने माता-पिता को माना लिया और regularly expeditions पर जाना शुरू कर दिया। उन्होंने 2015 में दार्जिलिंग के Himalayan Mountaineering Institute से एक basic mountaineering course पूरा किया। Raj ने बताया कि उनका 150 लड़कियों का एक बैच था| Course के दौरान, उन्हें Rinok peak पर चढ़ना था| उनमें से केवल 53 लड़कियाँ ही ऐसा करने में कामयाब रहीं| इसके बाद उनके दूसरा expedition था, उसे भी उन्होनें clear कर लिया| फाइनल Mount Trishul था, जिसे pre-Everest के नाम से भी जाना जाता है| उन्होनें ने बताया कि उनमें से सिर्फ़ 15 लड़कियाँ ही उस summit को पूरा कर पाईं|
जब वो expedition से वापस आई, तो उन्हें पता चला कि वो Mount Everest के expedition के लिए select नहीं हुई| उस खबर ने उन्हें पूरी तरह से हिलाकर रख दिया। वो विश्वास नहीं कर पा रही थीं और इससे उनकी मानसिक स्थिति पर गहरा असर पड़ा। उन्होनें अपना कॉलेज भी छोड़ दिया| इस depression से बाहर निकलने में उन्हें पूरा एक साल लगा|
इस बीच, Sheetal ने mountaineering expeditions के organising और supporting के लिए माने जाने वाले national body, Indian Mountaineering Foundation (IMF) में membership के लिए apply किया और वो सेलेक्ट हो गयीं| Expedition में उनके बेहतर performance की वजह से IMF के प्रेसीडेंट HS Chauhan ने उनसे बात की| Chauhan को जब Sheetal के financially weak background के बारे में पता चला तो उन्होनें ONGC authorities को Kanchenjunga expedition के लिए उसका नाम recommend किया और ONGC उसे expedition का part बनाने और उसका पूरा ख़र्चा उठाने के लिए तैयार हो गये|
राज ने कहा कि Kanchenjunga expedition को अप्रैल में flagged off किया गया था। expedition नेपाल में हुआ था| जब वो हापुर खोला पहुंचे, तो उन्होनें base camp के लिए अपना trek शुरू किया| इसे खत्म करने में उन्हें 15 दिन लगे|
Sheetal ने बताया कि avalanche जैसी कठिनाइयों को पार करते हुए, वो 21 May को सुबह 3:30 बजे आख़िरकार टॉप पर पहुँच गये| उन्हें लगा मानों वो घर पहुँच गये हों, लेकिन अंधेरे की वजह से कुछ दिखाई नहीं दे रहा था| आख़िरकार सुबह हुई और सूरज की रोशनी के साथ मानों सारे सपने पूरे हो गये| उन्होनें कहा कि एक तरफ़ भारत था, तो दूसरी तरफ़ नेपाल और सामने चाइना बॉर्डर|
बाद में उन्हें पता चला कि वह चोटी को छूने वाली सबसे youngest female climber बन गई है। चौहान ने कहा कि उन्हें Nepal tourism department द्वारा inform किया गया था कि Sheetal Raj, 22 साल की उम्र में mountain summit को पूरा करने वाली, दुनिया की सबसे youngest female बन गईं है। उन्होनें कहा कि उन्हें उस पर बहुत गर्व है।
Sheetal Raj 2019 में Mount Everest को फ़तेह करने की योजना बना रही हैं और अभी उसी के लिए sponsorship की तलाश कर रही हैं| उन्होनें कहा कि expedition में 20-25 लाख रुपए तक का खर्च आ सकता है और वो इतना afford नहीं कर सकती हैं| उन्होनें कहा कि वो sponsors की तलाश में हैं, ताकि उनका सपना सच हो जाए।
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