Kamegowda ने बंजर पहाड़ी पर 14 तालाब बनाकर अपने गाँव को बनाया हरा-भरा

82 साल का चरवाहा Kamegowda भले ही पढ़ा-लिखा नहीं है, लेकिन उसने वो काम किया है, जिसे पढ़े-लिखे और पर्यावरण के लिए जागरूक करने वाले लोग, करने का सोचते रह जाते हैं| उन्हें Mandya district के मलावल्ली तालुक के दासानादोडी गांव में एक पूरी पहाड़ी को हरा-भरा बनाने का credit दिया जाता है, जिसे बनाने में उन्हें 40 साल लगे और साथ ही उन्होनें 14 तालाब developed और maintain किए| ये तालाब तेज गर्मी के दौरान भी साल भर पानी से भरे रहते हैं|

लगभग 40 साल पहले उन्हें realised हुआ कि उनके गांव के बगल वाले Kundinibetta पहाड़ी के पास कोई हरियाली नहीं है। भेड़ के झुंड को चराने के लिए पहाड़ी पर ले जाते हुए, उन्होंने देखा कि जानवरों और पक्षियों के लिए पहाड़ी पर पीने के लिए पानी का कोई श्रोत नहीं है| बारिश की वजह से पहाड़ी पर जो भी पानी आता, वो ढलानों से बह जाता| इससे थोड़ा पानी भी retained नहीं होता था और जो थोड़ा बहुत होता भी था, वो evapourate हो जाता था या ज़मीन उसे सोक लेती थी|

shepherd Kamegowda
Photo : internet

यही वह समय था जब इस 2017 Basavashri awardee को ये idea आया और उन्होनें सोचा क्यों न जानवरों और पक्षियों को पानी देने के लिए तालाब तैयार किए जाएँ| यहाँ से इसकी शुरूवात हुई, हालांकि उन्हें precise date याद नहीं है, लेकिन अनुमान है कि, अब तक, उन्होनें अपने पोते-पोतियों के नाम पर 14 तालाबों को design, develop और maintain करने में 10-15 लाख रुपये से कम खर्च नहीं किया है। लगभग पूरा पैसा उन्होनें अपनी ज़िंदगी में जीते विभिन्न awards से लगाया है|

कुछ हफ्ते पहले Kamegowda ने एक आँख का ऑपरेशन करवाया है और डॉक्टरों ने infection के डर से उन्हें घर से बाहर ना आने की सलाह दी है| लेकिन उनका कहना है कि वो अपनी आंखें बंद करते हैं और बाहर आ जाते हैं क्यूंकी उन्हें यहाँ का हर इंच पता है| वो कहते हैं कि अगर एक शराबी को शराब पीने से माना करेंगे, तो क्या वह पीना बंद कर देगा? उन्हें भी एक लत है|

Kamegowda कहते हैं कि अगर वो अपने बच्चों और पोते-पोतियों को पैसे देंगे तो वो खर्च हो जाएँगे और वो लोग bankrupt हो जाएंगे। Kamegowda जो कि एक छोटे अधूरे बने घर में रहता है का कहना है कि इसके बजाय, अगर वो उन्हें उन तालाबों को देता है, जिनमें पूरे साल पानी रहता है, तो वो सबसे अमीर होंगे| वो कहते हैं कि जब कोई लोग उन्हें उनके personal use के लिए पैसे देंगे तो वो हाँ कहेंगे और एक शराबी की तरह, जो कि शराब पर पैसा खर्च करता है, वो उन पैसों को तालाबों पर खर्च करेंगे| ये उनकी एक लत है|

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Geeta Rana

I am a Content Writer by Hobby, A Blogger by profession, as well as Owner of Nekinindia.com.

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