बुजुर्ग दंपति ने रीहॅबिलिटेशन सेंटर बनाने के लिए दान की 3 करोड़ रुपये की संपत्ति
उदारता के एक अधिनियम में, केरल के एक बुजुर्ग जोड़े ने सरकार को 3 करोड़ रुपये की संपत्ति दान कर दी है, ताकि इसे रीहॅबिलिटेशन सेंटर में बदला जा सके।
रिटाइर्ड स्कूल टीचर्स, N Kamalasan (77) और C K Sarojini (71) अपनी इंटेलेक्चुयली चॅलेंग्ज्ड बेटी प्रिया के भविष्य के बारे में चिंतित थे। उन्हें इस बात का डर था कि उन लोगों के बाद उनकी बेटी को लंबे समय तक पीड़ित किया जाएगा। इस तरह की चिंताओं से उन्होनें कोल्लम जिले के कायला गांव में केरल सरकार में अपनी इमारत और 83 सेंट (1 सेंट = 435.60 वर्ग फुट) ज़मीन दान करने का फ़ैसला किया। रिपोर्ट के अनुसार, घर की कीमत बाजार मूल्य के हिसाब से 3 करोड़ रुपये है, जिसे उनकी रिक्वेस्ट पर अब डिफरेंट्ली-एबल्ड विमन के सेंटर में बदला जाएगा|
केरल के सामाजिक कल्याण मंत्री केके शिलाजा ने अनुरोध स्वीकार करने पर कहा कि घर जल्द ही रीहॅबिलिटेशन सेंटर में परिवर्तित हो जाएगा। इसके अलावा, सेंटर का नाम कपल्स की बेटी- ‘प्रिया होम फॉर मेंटली चॅलेंग्ज्ड विमन’ के नाम पर रखा जाएगा, जो न केवल प्रिया को बल्कि 50 अन्य महिलाओं को भी घर देगा|
प्रिया के माता-पिता अपनी 37 वर्षीय बेटी की हिफ़ाज़त के लिए अपने रिश्तेदारों पर भरोसा नहीं करना चाहते थे। उन्होंने एक विल भी लिखी है, जिसमें सरकार को दो अन्य घरों और कोझिकोड में 15 सेंट जमीन पर कंट्रोल रखने की पेशकश की गयी है, जिसका बाजार मूल्य 4 करोड़ रुपये है और उन्हें डिफरेंट्ली-अब्लेड लोगों के लिए रीहॅबिलिटेशन सेंटर्स में बदलने को भी कहा गया है|
Kamalasan ने कहा कि सरकार की कार्रवाई ने उन्हें एक बड़ी राहत दी है। सरकार ने चॅलेंग्ज्ड विमन के लिए घर तैयार करने का वादा किया है। उनके पास चिंता करने के लिए अब कुछ भी नहीं होगा। उनकी बेटी को तुरंत उस घर में ले जाया जा सकता है। वह एक घरेलू वातावरण में रह सकती है। अन्यथा, उसे उनकी मृत्यु के बाद भटकना पड़ सकता था|
उन्होंने कहा कि वो अपना दर्द पब्लिक में लाना चाहते थे| उन्हें उम्मीद है कि अमीर परिवार अपने इंटेलेक्चुयली-चॅलेंग्ज्ड वॉर्ड्स के साथ-साथ आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के अन्य लोगों के लिए ऐसे घर बनाने के लिए आगे आएँगे|
(हमसे जुड़े रहने के लिए आप हमें फेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं )