Manan Ansari ने माइका की खान में काम कर लिखी खुद की किस्मत
झारखंड के कोडरमा में काम करने वाला 9 साल बच्चा Manan Ansari, उसके बचपन के दिन कभी सुनहरे थे ही नहीं। छोटी उम्र में ही गरीबी की मार ऐसी पड़ी कि दिन के 12 घंटे माइका की खान में काम करने को मजबूर हो गया। ज़मीन से कई मीटर नीचे 50 डिग्री सेंटीग्रेड की तपती गर्मी में भी उस खान में काम करने के अलावा उसके पास और कोई चारा नहीं था।
ऐसे में उसके जीवन में उजियारा आया जब “बचपन बचाओ आंदोलन” के कार्यकर्ताओं ने उसे वहाँ से आज़ाद करवाया। ढोरकोला गाँव, जहां यह बच्चा रहता था, उस गाँव में किसी भी तरह की मूल सुविधाएं भी नहीं हैं। इस वजह से कार्यकर्ता उसे विराट नगर (जयपुर) के बाल आश्रम ले आए, जहां Mohammad Manan Ansari ने आगे का वक़्त बिताया।
यहाँ आने के बाद मनन ने पढ़ाई शुरू की और जल्दी ही अपनी सीखने की प्रतिभा से सबको चौंका दिया। विराट नगर के ही एक विद्यालय मे उसका दाखिला हुआ और मनन आगे की पढ़ाई करने लगा। आज माइका के काले खान मे काम करने वाला वह बच्चा दिल्ली विश्वविद्यालय से बी॰एस॰सी लाइफ साइन्स मे ग्रेजुएट है और आगे फोरेंसिक साइन्स मे पढ़ाई करना चाहता है। साथ ही Manan Ansari का यह भी कहना है की अपने पैरों पर खड़ा होने के बाद वह अपने क्षेत्र के बच्चों के लिए भी कुछ करना चाहता है।
वाकई Mohammad Manan Ansari का यह सफर बहुत प्रेरणादायक है। हम उम्मीद करते हैं की वह अपने सुनहरे भविष्य का सपना पूरा करें और साथ ही बाकी बच्चों की ज़िंदगी सँवारने का भी काम करें।
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