Alamkhan Pathan हैं ईमानदारी की शानदार मिसाल
संत कबीर ने अपने एक दोहे में कहा है कि, “चाह मिटी, चिंता मिटी, मनवा बेपरवाह, जिसको कुछ नहीं चाहिए, वही शहँशाह,” और आज हम आपको ऐसे ही एक शहँशाह के बारे में बता रहे हैं। अहमदाबाद के Alamkhan Pathan, पेशे से एक ऑटो रिक्शा ड्राईवर हैं और उसी से अपनी रोज़ी कमाते हैं।
किसी आम ऑटो रिक्शा ड्राईवर को जब एक झटके में लाखों का धन मिल जाये तो उसके लिए यह ज़िंदगी बदल देने वाली बात होती है। Alamkhan के साथ ऐसा कई मौकों पर हुआ है जब उनके ऑटो में बैठने वाले लोग पैसे और ज़रूरी कागजात भूल कर चले आए। इससे पहले, उन्होंने ज़रूरी समान वाला सूटकेस वापस कर दिया था जिसे उपग्रह क्षेत्र में रहने वाले एक व्यापारी भूल गया था। पठान ने एक पर्स भी एक यात्री को उसके क़ीमती सामान के साथ वापिस दिया था। 64 साल का ये इंसान उन लोगों को भी मुफ्त सवारी प्रदान करता है, जो उसे किराया नहीं दे सकते हैं। अगर Alamkhan Pathan चाहते तो उन पैसों को अपना कर अपनी ज़िंदगी बदल सकते थे, मगर उनके लिए उनकी ईमानदारी से ज्यादा मोल और किसी भी चीज का नहीं है।
मई 2018 को जब Alamkhan Pathan अपने ऑटो में Sunny Macwan और उनके परिवार को छोड़ कर आगे बढ़े तो उन्होने देखा कि Sunny का बैग उनकी गाड़ी में ही रह गया था। उस बैग में जवाहरात, पैसे और ज़रूरी कागज थे। उन्हें एहसास है कि वे एक व्यक्ति के लिए कितने ज़रूरी हैं। ये Sunny Macwan की कड़ी मेहनत वाला पैसा है। Alam वापस गए जहां उन्होने सनी को छोड़ा था और सारा दिन उनका इंतज़ार करते रहे। जब उन्होने दोबारा सनी को देखा तो उनका बैग उन्हे वापस कर दिया।
इतना ही नहीं, सनी ने जब उन्हे पैसे देने कि कोशिश की तो Alamkhan Pathan ने उसे भी मना कर दिया मगर फिर लोगों के समझाने पर उन्होने पैसे रख लिए। वाकई ऐसी ईमानदारी सलाम के काबिल है।
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