विपरीत परिस्थितियों से लड़कर Anita Prabha Sharma बनीं DSP
Anita Prabha Sharma अपनी अभी तक की ज़िंदगी में काफ़ी struggle करती आई हैं| उन्होनें कभी भी विपरीत परिस्थितियों से हार नहीं मानी और बहादुरी से उनका सामना किया, यही बात है जो उन्हें प्रेरणादायक बनाती है| जब लोग भाग्य को दोष देकर समय बर्बाद करते हैं, उन्होनें एक सुंदर ज़िंदगी ज़ीने का फ़ैसला किया और हमेशा के लिए अपनी किस्मत बदल ली| आज Anita वो इंसान नहीं हैं जिसने अपनी ज़िंदगी में कठिनाइयों का सामना किया बल्कि वो इंसान हैं जिसने कठिनाइयों से लड़कर अपने सपने को साकार किया है|
Anita की शादी 17 साल की उम्र में उससे 10 साल बड़े आदमी से कर दी गयी| उनके घरवाले चाहते थे कि वो जल्दी शादी कर ले ताकि वो स्कूली पढ़ाई पूरी करने की ज़िद ना करने लगे| ऐसी लड़की जिसके matriculations में 92% आए थे ने फिर भी हार नहीं मानी और अपने ससुराल वालो की देखभाल करते हुए अपनी पढ़ाई जारी रखी| कहर तब टूटा जब final year के exam से पहले उनके पति का एक भयानक accident हो गया और उन्हें एक साल के लिए अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी| हालाकी उन्होनें तीन साल का graduation पूरा कर लिया था, लेकिन Probationary Officer की post के लिए उन्हें reject कर दिया गया क्यूंकी उन्होनें तीन साल के time duration में अपना graduation पूरा नहीं किया था|
यह उसके जीवन में एक बड़ा झटका था, लेकिन पूरी तरह निराश अनीता ने हार नहीं मानी और एक मजबूत इरादे के साथ उसने तय किया कि वह एक civil service servant बन के दिखाएगी| हालांकि वह उस वक़्त बहुत दर्द से गुजर रहीं थी, फिर भी उन्होनें forest guard का exam दिया, जिसके लिए उन्हें 14 किलोमीटर पैदल चल कर examination सेंटर तक जाना पड़ा| उन्होनें अच्छी rank के साथ Balaghat District में posting पाई|
हालांकि वह एक safe job पाने में सफल हुई लेकिन वह फिर भी खुश नहीं थीं, वह गवर्नमेंट जॉब में जाकर लोगों की सेवा करना चाहती थीं| लोगों की सेवा करने के लिए उन्होनें sub-inspectors का exam भी दिया, लेकिन दुखद ये रहा कि फिज़िकल टेस्ट पास ना कर पाने की वजह से वह फाइनल लिस्ट में अपनी जगह ना बना सकीं| इसे एक झटके की तरह नहीं बल्कि एक challenge की तरह मान कर उन्होनें अगले साल फिर से exam दिया और उन्हें सफलता मिल गयी| अब तक, वह अपने पति से divorce ले चुकी थीं क्यूंकी age difference होने की वज़ह से दोनों का एक दूसरे को समझना मुश्किल था|
फिर उन्होनें Madhya Pradesh State Public Service Commission exam दिया और womens में 17th और overall में 47th rank हासिल की, जिसने उन्हें state का DSP बनने योग्य बना दिया| वह DSP की rank से भी संतुष्ट नहीं हुई और उन्होनें UPSC के exam दिए, जिसके रिज़ल्ट का वह अभी इंतज़ार कर रही हैं| हम आशा और प्राथना करते हैं कि वह UPSC के exams में सफल हों और सभी औरतों को उनके इस amazing achievement पर गर्व हो|