Lottery का पैसा जीतकर नहीं बल्कि देकर बने Crorepati
आप क्या करेंगे अगर आप कोई lottery जीतते हैं तो ? एक क़ीमती कार ख़रीदेंगे, कपड़े ख़रीदेंगे, एक महेंगा फोन ख़रीदेंगे और शायद आज हीअपनी job छोड़ देंगे?
लेकिन 45 साल के K. Sudhakaran ने ऐसा नहीं किया, जब उनके एक रेग्युलर customer ने 1crore रुपये का jackpot जीता तो उन्होनें वह टिकेट side में customer को देने के लिए रख दिया|
सच्चाई ये है कि customer, P. Ashoka ने टिकेट के लिए पैसे नहीं दिए थे और Sudhakaran ने भी उसे ticket numbers नहीं बताया था| इसलिए देखा जाए तो टिकेट Sudhakaran का था|वह jackpot का पैसा खुद claim कर सकता था, क्यूंकी उसपे उसका अधिकार था| सच में तो वो टिकेट भी उसने खुद के पैसों से ही ख़रीदा था, लेकिन इस नेक इंसान ने ऐसा नहीं किया|
ख़बर मिलते ही उन्होनें अपने पिताजी को फोन किया और उनके पिताजी ने उन्हें Ashoka को ये बात बताने के लिए बोला| उनके अंदर उनके पापा की भावनाएँ नज़र आती हैं और इसलिए उन्होनें Ashoka को फोन कर के ये अच्छी खबर सुनाई| कहने की ज़रूरत नहीं है कि Ashoka ये सुनकर कुछ भी कहना भूल गया|
जब उनसे पूछा गया कि उन्होनें ऐसा क्यूँ किया, जबकि हममें से कोई ऐसा नहीं करता, उनका जवाब और भी क़ाबिले-तारीफ़ था|
उनका कहना था कि उनके पिताजी हमेशा कहते हैं कि अगर कभी ज़रूरत ही पड़ जाए तो भीख माँग लेना, लेकिन कभी किसी का अधिकार मत छीनना| मेरे माता-पिता ने मुझे हमेशा सच्चाई सिखाई है, हमें वो करना चाहिए जो सही है और हर ग़रीब-अमीर को समान मानना चाहिए| उनकी माँ और सभी रिश्तेदार उनके इस नेक काम से बहुत खुश हैं|
Sudhakaran, Kanhangad, Kerala में दुकान चलाते हैं, जहाँ वह मिठाइयाँ, जूस, कोल्ड ड्रिंक्स और lottery tickets बेचते हैं| वह हर महीने 10,000 रुपये कमाते हैं, जिससे कि उनके 6 लोगों का परिवार जिसमें कि उनकी एक physically disabled बेटी है, चलता है|
परिवार की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए Sudhakaran हर रोज सुबह 4:30 बजे उठ जाते हैं और उसके बाद बस पकड़कर अपने गाँव से Kanhangad जाते हैं| उन्हें दुकान पहुँचने में 2 घंटे लगते हैं| वह एक ईमानदार इंसान हैं जो ईमानदारी पर विश्वास करते हैं|
उनका कहना है कि जितना हो सके इंसान को भलाई करनी चाहिए, तभी वह इंसान खुशहाल ज़िंदगी ज़ी सकता है|
हाँलाकि, वह एक crorepati नहीं बने पर उन्होनें सबको सच्चाई का एक अच्छा पाठ पढ़ाया है| उनकी इस ईमानदारी और सच्चाई से पता चलता है कि ज़िंदगी में पैसा ही मायने नहीं रखता| K. Sudhakaran जैसे लोग ही आज भी मानवता पर विश्वास बनाए हुए हैं|