Toybank देता है देश के हज़ारों underprivileged बच्चों के चेहरे पर खुशी
2004 में सब दोस्त dinner कर रहे थे, जब Shweta Chari को एक ऐसी जगह बनाने का idea आया जहाँ बच्चे खेल सकते हैं| यह idea सेकड़ों underprivileged बच्चों को उनका बचपन वापिस दिलाने का था और इसकी वजह से ही उन्होनें Toybank की शुरूवात की|
हज़ारों बच्चों को छोटी सी उम्र में काम पर लगा दिया जाता है| कई बच्चों को तो पटाखों जैसी भयंकर factories में भी काम करना पड़ता है| इसलिए Shweta Chari ने इन बच्चों को खिलौनों के ज़रिए इनका बचपन वापिस दिलाने का सोचा|
Street children में एक बड़ी संख्या में कई समस्याएँ जैसे malnutrition, hunger, health problems, substance abuse, और theft, physical and sexual abuse देखने को मिलती हैं| Toybank को खेल के ज़रिए इन बच्चों के दिमाग़ से उनके hazardous environments और distress को हटाने के मक़सद से शुरू किया गया था| मामूली खिलौने उन्हें फिर से बच्चा बना सकते हैं|
अपने दोस्तों की मदद से Shweta, जो कि एक electronics engineer हैं ने Toybank की शुरूवात की| ऐसे बच्चे जिनकीfamilies खिलौने नहीं खरीद सकती थी, उन बच्चों को खिलौने और खेलने की जगह भी Toybank ने दी|
Shweta Chari के इस unique initiative की मदद से India के हज़ारों बच्चों के चेहरों पर मुस्कान आ गई| Nek In India आशा करता है कि भविष्य में कोई भी बच्चा खिलौनों से खेलने वाली उम्र में काम ना करे|