अपनी जान के बदले जांबाज Jagbir Singh Rana ने बचाई चार ज़िंदगियाँ
आदर्श नगर-आजादपुर के बीच तीन छोटे बच्चों और उनकी माँ को बचाते हुए आरपीएफ के कॉन्स्टेबल Jagbir Singh Rana शहीद हो गए। हादसा बीते रविवार रात 11.30 बजे हुआ। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कॉन्स्टेबल के फोन से सूचना दी, जिसके बाद जगबीर तक मदद पहुंचाई गई।
आरपीएफ से मिली जानकारी के अनुसार, 50 साल के कॉन्स्टेबल Jagbir Singh Rana यहां ड्यूटी कर रहे थे। किलोमीटर नंबर 7/24 पर उनकी नजर एक महिला पर पड़ी, जो अपने तीन छोटे बच्चों के साथ ट्रैक क्रॉस कर रही थी। उस समय 14011 होशियारपुर एक्सप्रेस अप लाइन से पास हो रही थी। ट्रेन और महिला के बीच की दूरी काफी कम थी जिसकी वजह से जगबीर राणा ने उन्हें धक्का देकर ट्रेन से बचाया। महिला और बच्चे ट्रैक के दूसरी तरफ गिर गए और बच गए लेकिन उन्हें बचाने के चक्कर में जगबीर सिंह का ध्यान डाउन लाइन से पास हो रही कालका-शताब्दी की तरफ नहीं गया और वो उसकी चपेट में आ गए।
सूत्रों के अनुसार, महिला आजादपुर गांव की थी और हादसा देखकर सन्न रह गई। उसे कुछ समझ में नहीं आया। उसके बच्चे भी काफी डर गए थे। कालका शताब्दी के ड्राइवर से पास के स्टेशन पर मेसेज मिला कि एक वर्दी वाला ट्रेन की चपेट में आया है| उस दौरान पास से गुजर रहे एक व्यक्ति राजेश की नजर उस हादसे पर पड़ी। उसने कॉन्स्टेबल का मोबाइल नंबर लिया और उसके नंबर से दो-तीन नंबरों पर कॉल कर हादसे की जानकारी दी जिसके बाद जल्द से जल्द कॉन्स्टेबल तक मदद पहुंचाई गई और उन्हें अस्पताल लाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
शहीद कॉन्स्टेबल Jagbir Singh Rana का परिवार सोनीपत में रहता है। उनके परिवार में पत्नी और चार बच्चे हैं। इनमें से दो लड़कियों मोनिका (26) और सोनिया (25) की शादी हो गई है, जबकि दो लड़के हैं जो अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें बड़ा बेटा रोहित(22) बीए फाइनल और छोटा बेटा संजय(20) बीए सेकंड ईयर में है।
कॉन्स्टेबल के परिवार ने उनकी आंखें दान की हैं क्यूंकि Jagbir की ख्वाहिश थी कि मरने के बाद उनकी आंखों को डोनेट किया जाए। उन्होंने 27 जुलाई 1989 में आरपीएफ जॉइन की थी| उनकी बहादुरी भरी सर्विस के लिए उन्हें दो बार रेल राज्य मंत्री और एक बार डीआरएम ने भी सम्मानित किया था।
Jagbir Singh Rana की शहादत पर सोमवार को आरपीएफ के डीजी अरुण सिंह, डीआरएम आर एन सिंह ने दुख जताया है। आरपीएफ के आईजी वी के ढाका और अन्य सीनियर ऑफिसर ने दयाबस्ती में शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की।
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