Gopal Khandelwal का हौसला बड़े-बड़े दिग्गजों को पस्त कर देने वाला है

यूपी के मिर्ज़ापुर के एक छोटे से गाँव के 49 साल के Gopal Khandelwal दिव्यांग हैं| व्हीलचेयर ही उनका सहारा है| लेकिन उनका हौसला बड़े-बड़े दिग्गजों को भी पस्त कर देने वाला है क्यूंकि पिछले 20 सालों से वो गाँव के गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा दे रहे हैं| वो एक गुरुकुल चलाते हैं, जिसमें सुबह 5:30 से शाम के 6 बजे तक हर दिन क्लासेज चलती हैं|

Gopal Khandelwal
Photo : milaap.org

मूल रूप से बनारस के रहने वाले Gopal Khandelwal पढ़-लिखकर एक डॉक्टर बनना चाहते थे| 27 साल की उम्र में उन्होंने एंट्रेंस एग्जाम पास कर आगरा के एक मेडिकल कॉलेज में एडमिशन भी ले लिया था| एक दिन बदकिस्मती से बाइक से जाते वक़्त एक कार ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी, इसी हादसे के बाद गोपाल की कमर के निचे का पूरा हिस्सा लखवाग्रस्त हो गया| इस कारण वो अब कभी अपने पैरों पर खड़े नहीं हो सकते| लेकिन पिछले 20 सालों में उन्होंने लाखों बच्चों को इस लायक बना दिया है कि वो अपने पैरों पर खड़े हो सकें|

Gopal Khandelwal
Photo : milaap.org

Gopal के लिए पहले कि तरह सामान्य तरीके से ज़िंदगी जीना मुश्किल हो गया था| वो खुद को अपने आप पर एक बोझ समझने लगे थे| लेकिन वो जीना चाहते थे| इसी दुर्घटना के ६ महीने बाद ही उनकी माँ का भी निधन हो गया| उनकी माँ ने आखिरी वक़्त में उनसे यही कहा था कि कभी हार नहीं मानना और इस बात ने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया| यहीं से उन्हें ज़िंदगी दोबारा से जीने कि नयी दिशा मिली|

सूत्रों के मुताबिक़Gopal Khandelwal कि मदद के लिए उनके एक दोस्त डॉ.अमित दत्ता आगे आये और वो उन्हें ‘पत्ती का पुर’ गाँव ले आये| गाँव के बाहरी इलाके में उन्होंने गोपाल के लिए एक छोटा सा कमरा बनवा दिया और खाने-पिने का इंतज़ाम भी कर दिया| कुछ दिनों तक Gopal अकेले ही रहे, फिर धीरे-धीरे लोग उन्हें जानने-पहचानने लग गए| उन्होंने देखा कि गाँव के बच्चों कि पढाई का कोई ख़ास उपाय उस गाँव में नहीं है| इसलिए उन्होंने बिस्तर पर लेटकर ही बच्चों को पढ़ना शुरू कर दिया|

Gopal Khandelwal
Photo : gaonconnection.com

Gopal ने नॉवल शिक्षा संसथान नाम से गुरुकुल कि शुरुवात की| लेकिन सबसे बड़ी परेशानी बच्चों के माँ-बाप को समझकर उन्हें स्कुल भेजने के लिए राज़ी करना था| धीरे-धीरे उनकी मेहनत रंग लायी और वो गाँव के ‘मास्टरजी’ बन गए| बताया जाता है कि पिछले 20 सालों में उन्होंने लगभग 2500 बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी है| अब वो व्हीलचेयर पर बैठकर सुबह 5:30 से शाम 6:00 बजे तक बच्चों कि क्लासेज लेते हैं| गोपाल के इस कदम से बहुत से बच्चों का अच्छे स्कूलों में दाखिला हो गया और जिन माता-पिता के पास पैसे नहीं होते हैं, उनके लिए वो सोशल-मीडिया कि मदद से पैसे जुटाते हैं|

Gopal Khandelwal
Photo : hindustantimes.com

Gopal Khandelwal की कहानी एक टीवी शो में भी दिखाई गयी थी और उसी के मीडिया हाउस ने उन्हें इलेक्ट्रॉनिक व्हीलचेयर गिफ्ट की थी| Gopal का कहना है कि उन्होंने अभी तक ज़िंदगी में यही सीखा है कि कभी हार नहीं माननी चाहिए और साथ ही उनका मानना है कि समाज से जातिवाद और अमीरी-गरीबी के भेद-भाव को केवल शिक्षा के जरिये ही ख़त्म किया जा सकता है|

#NekInIndia

(हमसे जुड़े रहने के लिए आप हमें फेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं )

Facebook Comments
(Visited 295 times, 1 visits today)

Geeta Rana

I am a Content Writer by Hobby, A Blogger by profession, as well as Owner of Nekinindia.com.

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Facebook

SuperWebTricks Loading...
error: Content is protected !!
%d bloggers like this: