Shyamsundar और उनकी पत्नी निभा रहे हैं नन्द बाबा और यशोदा का धर्म
ओडिशा के पिछड़े इलाके कालाहांडी में अनाथ बच्चों के लिए एक दंपती ( Shyamsundar और Kasuri ) देवदूत बनकर सामने आया है। ये पति-पत्नी सड़क पर बेसहारा घूमने वाले बच्चों को अपने घर लेकर आते हैं और उनके पालन-पोषण की पूरी जिम्मेदारी उठाते हैं।वो बच्चों की पढाई के साथ-साथ अन्य जरूरतों का भी पूरा ध्यान रखते हैं| Shyamsundar और उनकी पत्नी Kasuri, ‘जशोदा आश्रम’ के नाम से अपना अनाथालय चलाते हैं।
फिलहाल उनके यहां 23 लड़के और 113 लड़कियां रह रही हैं। इन बच्चों को श्यामसुंदर ने अपना नाम भी दिया है। आम जनता के चंदे से चलने वाले इस अनाथ आश्रम को सरकारी मदद भी मिलती है। उनके इस नेक काम के चलते, इलाके में इस दंपती की ख़ूब तारीफ़ की जा रही है।
Shyamsundar ने सूत्रों को बताया कि कुछ साल पहले उन्होंने सड़क पर एक अनाथ बच्चे को घूमते हुए देखा था| तब उनकी मां ने बच्चे को घर लाकर गोद लेने के लिए कहा था| तभी से वो इस काम में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस अनाथालय को दान में मिले पैसों से बनाया है। उन्हें कई बच्चे सड़क किनारे, बसों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लावारिस पड़े मिले। इनमें ज्यादातर लड़कियां थीं|
उनका कहना है कि कई नवजात बच्चों को तो कुत्ते अपना शिकार बनाने का प्रयास कर चुके थे। ऐसे में उन्होंने एक जगह छोटा सा कमरा बनाया ताकि लोग वहां अपने बच्चों को छोड़ सकें। धीरे-धीरे बच्चों की संख्या बढ़ी तो उन्होंने लोगों से आर्थिक मदद लेकर अनाथ आश्रम बनवाया|
Shyamsundar का कहना है कि ये बच्चे अपने जैविक माता-पिता के नाम नहीं जानते इसलिए अब उन्हीं का नाम इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने बताया कि अनाथ आश्रम की 12 लड़कियों की शादी भी कराई जा चुकी है। साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की है कि वो अपने नवजात बच्चों को सड़क पर छोड़ने के बजाय उनके आश्रम में छोड़ जाएं ताकि वो उनका जीवन संवार सकें।
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