नाबालिग सीतू ने चाचा को बचाया मौत के मुँह से

ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले के एक दूर के गांव में, अपने चाचा को मगरमच्छ के हमले से बचाने के लिए बहादुरी दिखाने वाले एक नाबालिग लड़के को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए चुना गया है| इस बात की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि कंदिरा गांव में सरकारी बासुदेबपुर विद्यापीठ हाई स्कूल की 10th क्लास में पढ़ने वाले 15 साल के सीतू मलिक को, आने वाली 23 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीरता पुरस्कार से सम्मानित करेंगे|

National Bravery Award 2018
Photo : amarujala.com

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सीतू ने इस साल 20 फरवरी को गांव के तालाब में घुसे एक मगरमच्छ के पंजे से अपने चाचा बिनोद मलिक की जान बचाई थी| इस बहादुर लड़के ने सूझ-बूझ दिखाते हुए बांस उठाया और मगरमच्छ के सिर के ऊपरी हिस्से पर वार किए| सूत्रों द्वारा मगरमच्छ ने पीड़ित को जकड़ रखा था और वो अचानक हुए इस हमले से डर गया तथा बिनोद को छोड़कर तालाब में चला गया| जब मगरमच्छ ने हमला किया तो उस वक़्त चाचा-भतीजा दोनों ही हंसिना नदी के किनारे बने खेत में थे|

National Bravery Award 2018
Photo : amarujala.com

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केंद्रपाड़ा के जिलाधीश दसरथी सत्पथी ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनके जिले के किशोर को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए चुना गया है| इस पुरस्कार के लिए सीतू का चयन भारतीय बाल कल्याण परिषद ने किया और प्रधानमंत्री अगले महीने उसे ये पुरस्कार देंगे। इस संबंध में आईसीसीडब्ल्यू का लैटर भी जिला प्रशासन को मिल गया है| सीतू के स्कूल के हेडमास्टर महेश्वर राउत ने कहा कि वो गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं| उन्होनें कहा कि उनके स्टूडेंट को राष्ट्रीय पहचान मिली है और ये बहुत गर्व की बात है कि वो प्रधानमंत्री से हाथ मिलाएगा|

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Geeta Rana

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