स्कूल के हेडमास्टर का दंग करने वाला नेक काम

नॉन-टीचिंग स्टाफ भारत भर के ज़्यादातर सरकारी स्कूलों में एक लक्जरी हैं। लेकिन, यहां एक हेडमास्टर ऐसा भी है, जो शौचालयों की सफाई करके अपने दिन की शुरूवात करता है।

B Mahadeshwara Swamy
Photo : dailyhunt.in

चामराजनगर जिले के गुंडलूपेट के हांगहल्ली में सरकारी प्राथमिक विद्यालय के हेडमास्टर B Mahadeshwara Swamy ने स्टूडेंट्स के लिए खुद के खर्च से एक लाइब्ररी बनाई है और साथ ही स्कूल में एक गार्डेन भी क्यूरेट किया है|

पब्लिक इन्स्ट्रक्षन डिपार्टमेंट के लोगों और ऑफिसर्स ने कहा कि Mahadeshwara Swamy ने ये साबित कर दिया कि कैसे एक टीचर एक सरकारी स्कूल के भाग्य को पॉज़िटिव्ली बदल सकता है|

लोगों का कहना है कि Mahadeshwara अपने दिन की शुरूवात स्कूल के टायिलेट्स की सफाई कर के करते हैं, जिसके बाद वो गार्डेन की देखभाल और क्लासरूम्स की सफाई भी करते हैं| खास बात ये है कि वो हर बच्चे की पर्सनल हाइजीन का पूरा ख्याल रखते हैं| वो हर बच्चे को लर्निंग आक्टिविटीस और खेल-कूद में आगे बढ़ने का हौसला भी देते हैं| एक ग्रामीण ने बताया कि बच्चों के माता-पिता उनकी इस बात से काफ़ी खुश हैं और अपने बच्चों को रोज़ स्कूल भेज रहे हैं|

B Mahadeshwara Swamy
Photo : Indiatimes.com

B Mahadeshwara Swamy ने बताया कि उन्होनें 6 फरवरी, 1988 को डॉक्टर एच सुदर्शन द्वारा बनाए गये ट्राइबल स्कूल को जाय्न करने के बाद, टाय्लेट साफ़ करने का अपना ये अभियान शुरू किया था|

Swamy ने कहा कि वो 1988 से स्कूल टायिलेट्स की सफाई कर रहे हैं| उन्होनें अपना पहला दिन ही स्कूल के टायिलेट्स की सफ़ाई कर के शुरू किया था|

उन्होनें बताया कि उन्होनें उस ट्राइबल स्कूल में 8 साल से ज़्यादा वक़्त तक काम किया| उस कार्यकाल ने ही उन्हें पर्सनल हाइजीन और सोशियल सर्विस का महत्व सिखाया। 1994 में उन्होनें गवर्नमेंट सर्विस जाय्न की और अपना काम जारी रखा|

उन्होनें कहा कि हम सब की ज़िम्मेदारी है कि हम अपनी काम करने वाली जगह को साफ़ रखें| एक स्वस्थ जीवन के लिए स्वच्छ शौचालय ज़रूरी हैं। इसलिए वो जहाँ भी जाते हैं, अपना ये काम जारी रखते हैं|

B Mahadeshwara Swamy
Photo : timesofindia.indiatimes.com

स्थानीय ग्राम पंचायत सदस्य एच आर रेवन्ना को स्पष्ट रूप से वो दिन याद है जब B Mahadeshwara Swamy ने स्कूल जाय्न किया था| कुछ साल पहले उन्हें इस स्कूल में ट्रान्स्फर किया गया था| उन्होनें स्कूल का अपना पहला दिन टायिलेट्स और पानी के संप की सफाई करके शुरू किया था| वो हमेशा से बच्चों की साफ़-सफ़ाई और डिसिप्लिन का पूरा ख़याल रखते हैं| उन्होनें कहा कि Mahadeshwara को हेडमास्टर बनाने के बाद से स्कूल काफ़ी बेहतर हो गया है| आज, 121 बच्चे इस स्कूल में पढ़ रहे हैं|

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Geeta Rana

I am a Content Writer by Hobby, A Blogger by profession, as well as Owner of Nekinindia.com.

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