Shipra Dhar के नर्सिंग होम में बेटी के जन्म पर होता है ये ख़ास काम

‘मुंह मीठा कीजिए, नर्सिंग होम में बेटी ने जन्म लिया है’, ये शब्द सुनने को मिलते हैं Dr. Shipra Dhar से| बेटी के जन्म पर वो फीस नहीं लेती है और पूरे नर्सिंग होम में मिठाइयाँ बंटवाती हैं| बीएचयू से MBBS और MD कर चुकीं Shipra Dhar, वाराणसी के पहाड़िया क्षेत्र में नर्सिंग होम चलाती हैं।

Dr. Shipra Dhar Srivastava
Photo : amarujala.com

कन्या भ्रूण हत्या को रोकने और लड़कियों के जन्म को बड़ावा देने के लिए वाराणसी के एक डॉक्टर दंपती भी उतर गए हैं। वो बच्ची के जन्म पर परिवार में फैली मायूसी को दूर करने के लिए एक नायाब मुहीम चला रहे हैं। इसके तहत उनके नर्सिंग होम में यदि कोई महिला बच्ची को जन्म देती है, तो उससे कोई डिलिवरी चार्ज नहीं लिया जाता।

Dr. Shipra Dhar Srivastava

कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुरीतियों ने मन को विचलित किया तो Dr. Shipra Dhar Srivastava ने इसे दूर करने के लिए और लोगों की सोच में बदलाव के लिए प्रयास शुरू किया। उनका कहना है कि लोगों में बेटियों के प्रति नकारात्मक सोच अब भी है। ‘मैडम ई का कइलू, पेटवो चिरलू आउर बिटिया निकललु’ जैसे उलाहना भरी बातें उन्हें कई बार सुनने को मिलीं।

Dr. Shipra Dhar Srivastava
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जब परिजनों को पता चलता है कि बेटी ने जन्म लिया है तो वो मायूस हो जाते हैं। गरीबी के कारण कई लोग तो रोने भी लगते हैं। इसी सोच को बदलने की वो कोशिश कर रही हैं, ताकि अबोध शिशु को लोग खुशी से अपनाएं। इसीलिए वो बेटी के जन्म पर कोई फीस नहीं लेती हैं। बैड चार्ज भी नहीं लिया जाता और अगर ऑपरेशन करना पड़े तो वो भी मुफ्त है। अब तक 100 बेटियों के जन्म पर कोई चार्ज नहीं लिया गया है।

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Dr. Shipra Dhar द्वारा उनके अस्पताल में बेटी पैदा होने पर कोई भी फीस न लेने की जानकारी होते ही मई में वाराणसी दौरे पर आए प्रधानमंत्री खासे प्रभावित हुए थे।। पीएम ने बाद में मंच से अपने संबोधन में देश के सभी डॉक्टरों से आह्वान किया था कि वे हर महीने की नौ तारीख को जन्म लेने वाली बच्चियों के लिये कोई फीस ना लें। इससे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं की मुहिम को बल मिलेगा।

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Dr. Shipra Dhar ने गरीब लड़कियों की शिक्षा का भी बीड़ा उठाया है। वो नर्सिंग होम में ही लड़कियों को पढ़ाती हैं। घरों में काम करने वाली कई बच्चियां उनके पास पढ़ने आती हैं। वो, आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों को सुकन्या समृद्धि योजना का लाभ दिलाने में भी मदद करती हैं। Dr. shipra ने बताया कि उनके पति डॉ. मनोज कुमार श्रीवास्तव फिजीशियन है और वो भी उनका पूरा साथ देते हैं।

बच्चों और परिवारों को कुपोषण से बचाने के लिए Dr. Shipra Dhar अनाज बैंक भी चलाती हैं। फिलहाल वो ग़रीब विधवा और असहाय 38 परिवारों को हर महीने की पहली तारीख को अनाज उपलब्ध कराती हैं। इसमें प्रत्येक को 10 किलोग्राम गेहूं और 5 किलोग्राम चावल दिया जाता है।

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Dr. Shipra Dhar का मानना है कि सनातन काल से बेटियों को लक्ष्मी का दर्जा दिया गया। देश-विज्ञान तकनीक की राह पर भी आगे बढ़ रहा है। इसके बाद भी कन्या भ्रूणहत्या जैसे कुकृत्य एक सभ्य समाज के लिए अभिशाप हैं। वैसे भी जहां बेटी के जन्म पर खुशी नहीं, वह पैसा किस काम का। अगर बेटियों के प्रति समाज की सोच बदल सके तो वो खुद को सफल समझेंगी|

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Geeta Rana

I am a Content Writer by Hobby, A Blogger by profession, as well as Owner of Nekinindia.com.

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