Meghanathan P ने खेतों में कड़ी मेहनत कर किया तमिलनाडु टॉप
तमिलनाडु के अपने गांव कलीपट्टी से लगभग 100 किलोमीटर दूर तक अस्पताल की कमी ने एक किसान के बेटे Meghanathan P को मेडिकल की पढ़ाई करने और इसे अपना प्रोफेशन बनाने के लिए प्रेरित किया।
बीते मंगलवार को, 2018 के लिए paediatrics में बैस्ट पोस्टग्रॅजुयेट स्टूडेंट होने के लिए Pandit Shitla Charan Bajpai Gold Medal से सम्मानित युवा डॉक्टर ने कहा कि वो बच्चों के लिए हॉस्पिटल set up करने के लिए अपने गांव वापस जाएंगे।
Dr. Meghanathan P के लिए शुरूवाती दिन काफ़ी मुश्किल भरे थे क्योंकि पढ़ाई के साथ-साथ वो अपने परिवार की आधे एकड़ ज़मीन पर अपने पिता के साथ खेती करते और हल भी जोता करते थे|
उन्होनें बताया कि वो रात 2 बजे उठते थे और सुबह 8 बजे तक medical entrance की तैयारी करते थे| उसके बाद वो स्कूल जाते थे और वापिस आकर अपने पिता के साथ खेतों में काम करते थे|
हालांकि मुश्किल सफर तय कर इस मुकाम तक पहुंचने वाले Meghanathan P अकेले नहीं हैं। Meghanathan P के साथ ही डॉ. आरोही गुप्ता को ठाकुर उल्फत सिंह गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। आरोही को एमडी (पीडियाट्रिक्स) में अच्छा प्रदर्शन करने पर ये पुरस्कार दिया गया। आरोही का कहना है कि ये उनके माता-पिता का सपना था कि वो एक डॉक्टर बनें| वक्त के साथ ही ये सपना उनका भी हो गया। अब वो एक एनजीओ खोलना चाहती हैं, ताकि गरीब मरीजों का मुफ्त में इलाज कर सकें|
इसके साथ ही एमडीएस में डॉ. स्नेहकिरण रघुवंशी को प्रोफेसर एनके अग्रवाल पुरस्कार मिला। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वो हमेशा से दांतों की डॉक्टर बनना चाहती थीं| UPPGME में अच्छी रैंक मिलने के बाद उन्हें KGMU में अड्मिशन मिल गया। उनकी बहन एक पैथलॉजिस्ट है और अब वो डेंटिस्ट्री की फील्ड में कुछ अच्छा करना चाहती हैं|
KGMU के दीक्षाांत समारोह में बेटियों ने अपनी मेधा का अनूठा प्रदर्शन किया। सर्वाधिक 67 प्रतिशत मैडल बेटियों ने झटके। लड़कों के खाते में महज 33 प्रतिशत मैडल ही आए। कुल मैडल में से 84 लड़कियों को मिले तो 42 मेडल लड़कों के खाते में आए। प्रतिष्ठित हीवेट गोल्ड मैडल सहित आठ गोल्ड व एक सिल्वर मैडल एमबीबीएस की स्टूडेंट कृतिका गुप्ता को मिले।
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