Statue Of Unity के साथ भारत हुआ दुनिया में नंबर वन
पूरा देश आज यानी कि 31 अक्टूबर को Sardar Vallabhbhai Patel की जयंती मना रहा है| अलग-अलग रियासतों में बटे राज्यों को एकसाथ पिरोकार हिन्दुस्तान की कल्पना करने वाले Sardar Patel की आज 143वीं जयंती है| ये एक ऐतिहासिक दिन भी साबित होने वाला है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर Sardar Patel की दुनिया की सबसे उँची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ (Statue Of Unity) देश को समर्पित की है| लेकिन, ख़ास बात ये है कि 3 साल बाद ही ये दुनिया की दूसरी सबसे लंबी प्रतिमा बन जाएगी|
गुजरात के केवडिया में बना ये स्टैच्यू 182 मीटर उँचा है| देश के पहले उप-प्रधानमंत्री Sardar Vallabhbhai Patel के इस स्टैच्यू को बनाने में 2990 करोड़ रुपये का खर्च आया है| इस स्टैच्यू को सरदार सरोवर बांध में बनाया गया है| Statue Of Unity ने चीन के स्प्रिंग टेंपल में बने बुद्ध के स्टैच्यू का रेकॉर्ड तोड़ दिया है| बुद्ध के स्टैच्यू की लंबाई 128 मीटर है|
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये स्टैच्यू भारत की एकता का प्रतीक है, जिसे लेकर हमें ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ (One India, Superior India) के सपने के साथ आगे बढ़ना है|
हालांकि, उससे भी खास बात ये है कि वर्ल्ड नंबर-1 का खिताब पाने वाली Statue Of Unity, शायद 3 साल तक ही इस तमगे को हासिल कर पाएगी| दरअसल, भारत में ही Statue Of Unity से भी उँची ‘शिव स्मारक’ (shiv smarak) का निर्माण शुरू हो गया है| ये छत्रपति शिवाजी का स्मारक है, जिसकी उँचाई 212 मीटर होगी| अनुमान है कि 3 साल में शिव स्मारक बनकर तैयार हो जाएगा|
छत्रपति शिवाजी के इस स्टैच्यू को बनाने में 3600 करोड़ रुपये का खर्च आएगा| इसका निर्माण मुंबई के समुद्रि तट पर किया जा रहा है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही 24 दिसंबर 2016 को मुंबई में अरब सागर में बनने वाले शिवाजी स्मारक की नींव रखी थी|
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