Pradeep Sangwan का हिमालय को सुंदर बनाने का ख़ूबसूरत मिशन
बचपन से ही Pradeep Sangwan के मन में ये बिठा दिया गया था कि उसे आर्मी में जाना है, क्योंकि उनके पिता आर्मी में थे| आर्मी बॅकग्राउंड के कारण घर में सख्ती का माहौल था| Pradeep की पढ़ाई अजमेर के सैनिक स्कूल में हुई| लेकिन उनकी किस्मत उनका कहीं और इंतज़ार कर रही थी| कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ट्रैकिंग के लिए हिमालय की एक journey ने उनकी किस्मत बदल दी|
शुरू से ही Pradeep Sangwan को पहाड़ों से प्यार था| फिल्मों में दिखाए हिमालय के खूबसूरत दृश्यों ने प्रदीप और उनके दोस्तों को ट्रैकिंग पर जाने के लिए प्रेरित किया| लेकिन फिल्मों में दिखाए गये हिमालय से वास्तविक वाला हिमालय बहुत अलग था| वहाँ के तमाम टूरिस्ट स्पॉट्स पर कूड़े का ढेर था| इससे ना केवल हिमालय और पर्यावरण को नुकसान पहुँच रहा था, बल्कि वहाँ के स्थानीय लोग और समुदाय की ज़िंदगी भी कष्टकारी हो गयी थी|
Pradeep ने उसी वक़्त ठान लिया कि ट्रैकिंग के शौक और आर्मी में जाने के सपने को पीछे छोड़ फिलहाल उन्हें हिमालय को कूड़े से मुक्त बनाना है, जो कि बहुत कठिन काम था|
अपने अभियान के तहत, वो सबसे पहले मनाली गये| वहाँ के ग्रामीण उतने शिक्षित नहीं थे, लेकिन वो प्रकृति की कद्र करना जानते थे| Pradeep Sangwan ने “Healing Himalayas” नाम से एक संस्था शुरू की और कुछ वॉलंटियर्स की मदद से कुछ दिनों तक जूट के थेलो में टूरिस्ट द्वारा फेंका गया कूड़ा इककटता करना शुरू किया| हिसाब लगाने पर उन्होनें पाया कि उन्होनें 4 लाख किलोग्राम कूड़ा साफ़ किया है| वो कूड़ा उन्होनें हिमालय की 2 प्रोसेसिंग यूनिट में भेजा, जहाँ कूड़े से बिजली बनाई जाती है|
उनके इस काम में गाँव वालों ने उनका पूरा साथ दिया| उनकी संस्था साफ़-सफाई से जुड़ी गतिविधियों तो conduct करती ही है, साथ ही स्कूलों में स्टूडेंट्स को साफ़-सफाई और पर्यावरण के प्रति जागरूक भी करती है|
टूरिस्ट्स को अलर्ट करने के लिए उन्होनें कुछ guidelines भी जारी की हैं| इसके तहत उन्हें पानी की बोतल साथ में लाने का सुझाव देने के साथ ही इस्तेमाल करने के बाद बोतल को यहाँ-वहाँ फैंकने की बजाए अपने साथ ले जाने के लिए भी कहा जाता है| इससे टूरिस्टों द्वारा कूड़ा फ़ैलाने की आदत कम हुई है| Pradeep का कहना है कि हिमालय को कूड़े से मुक्त करना इतना आसान नहीं है, लेकिन उन्हें खुशी है कि अब स्थानीय लोग भी टूरिस्टों को कूड़ा ना फैलाने की हिदायत देने लगे हैं और इसका positive impact नज़र आने लगा है|
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