Narayana Panicker ने आदिवासी बच्चों के लिए शुरू की नेक पहल
एक ऐसा किसान, जिसे financial problems की वजह से आधे में ही अपनी पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा, उसने आज tribal students के लिए textbooks प्रिंट करने के लिए पैसे डोनेट किए हैं| कोझिकोड फेरोक के रहने वाले 89 साल के C.K.Narayana Panicker ने इडुक्की में आदिवासी बच्चों की पढ़ाई के लिए 40,000 रुपये दान किए हैं|
उन्होनें ये fund, इडुक्की के इदामालक्कुड़ी में Government Tribal LP School के स्टूडेंट्स के लिए मुथुवन आदिवासी भाषा में textbook ‘Idamalakkudi Gothra Padavali’ को प्रिंट करने के लिए दिया है। केरल में Idamalakkudi ही एकमात्र tribal panchayat है|
एक न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार text की manuscript प्रिंट करने के लिए financial assistance की ज़रूरत थी| चूंकि मुथुवन जनजातीय भाषा में कोई script नहीं है, इसलिए किताब Malayalam script में लिखी गई थी। Narayana Panicker ने इस न्यूज़ पर ध्यान दिया और मातृभूमि ऑफीस आकर मदद करने की बात कही|
मातृभूमि संयुक्त प्रबंध संपादक पी.वी. निधििश को कार्यकारी संपादक पी आइ राजीव और उप संपादक वी रविंद्रनाथ की presence में Narayana Panicker ने रुपये दिए|
ये राशि Idamalakkudi Government Tribal LP School के हेडमास्टर आर रविचंद्रन को सौंपी जाएगी। हेडमास्टर ने बच्चों और जनजातीय लोगों की तरफ से Narayana Panicker को धन्यवाद किया है|
इससे पहले भी, Narayana Panicker ने मातृभूमि समाचार रिपोर्टों के बाद कई लोगों की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाए थे| उन्होनें कई केंसर मरीज़, जो financially कमज़ोर थे, की मदद की थी और साथ ही वाराप्पुज़ा के रहने वाले एक आदमी, जिसकी कुत्तों ने जीभ काट दी थी, की भी मदद की थी|
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