पाइलट Vikas Jyani ने गाँव के बूढ़े लोगों को दिया ख़ास तोहफ़ा
पाइलट बनने के बाद, आदमपुर के सारंगपुर गांव के रहने वाले Vikas Jyani ने अपने गांव के 70 साल और उससे ज़्यादा age के सभी 22 लोगों के लिए air travel की व्यवस्था की। बुजुर्गों ने नई दिल्ली से अमृतसर और स्वर्ण मंदिर, जालियावाला बाग और वाघा बॉर्डर तक travel किया|
Travel करने वालों में 90 साल की बिमला, 78 साल की राममुती, 78 साल की कंंकारी देवी, 75 साल की गिरदावरी देवी, 75 साल के अमर सिंह, 75 साल के सुरजरम, 75 साल के खेमराम, 72 साल के आत्माराम, इंद्र, जगदीश और सतपाल थे| अपनी पहली plane trip के बाद, उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी कल्पना नहीं की थी कि वो कभी उड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि Vikas Jyani हमेशा से विश्वास था कि वो एक दिन पायलट बन जाएगा। उनके पिता महेंद्र ने कहा कि उनके बेटे का ये तोहफ़ा किसी तीर्थयात्रा से कम नहीं था।
90 साल की बिमला, जो पहली बार plane में बैठी थीं, ने कहा कि उन्होंने कभी ऐसी चीज का सपना देखा नहीं था। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग बूढ़ों से वादे तो करते हैं लेकिन अपना वचन नहीं निभाते हैं|
78 साल की राममुती और 78 साल की कंकारी देवी, जो पहली बार हवाई उड़ान भर रहे थे, ने कहा कि ये air traveling movement उनकी ज़िंदगी का सबसे अच्छा movement था। उन्होनें उनके co-passengers का भी धन्यवाद कहा, जिन्होंने ज़रूरत होने पर उनकी मदद की।
पाइलट के पिता महेंद्र जयानी, जो कि एक बैंक में सीनियर मॅनेजर हैं ने कहा कि Vikas हमेशा बुजुर्गों का सम्मान करते हैं और यह उनका सपना था। उन्होंने अपना सपना पूरा किया और ये उनके लिए सबसे बड़ी बात है। सभी युवाओं को Vikas Jyani के example को follow करना चाहिए और हम सभी को अपने बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए।
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