Sanjay Sen जैसे स्पेशल टीचर को लाखों सलाम
एक टीचर होना कोई आसान काम नहीं है। Math formulae और grammar usage जैसे syllabus से बच्चों के complex stuff को न केवल पढ़ाना, उनके काम को review और grading करना होता है, बल्कि साथ ही इसे क्लास में बच्चों के साथ actual में deal करने के लिए immense patience की भी ज़रूरत होती है।
टीचर जो काम करते हैं, उसे continue रखने के उन्हें लिए कई समस्याओं को दूर करते हैं| ऐसे ही एक टीचर हैं Sanjay Sen, जो कि एक differently-abled व्यक्ति हैं और Shiksha Sambal Project के तहत 2009 से राजस्थान के एक गांव के स्कूल में पढ़ा रहे हैं|
Shiksha Sambal project राजस्थान में एक प्रोग्राम है, जो अजमेर, भिलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद और उदयपुर जिलों में operate करता है| ख़ासकर ‘SEM’ (Science, English और Math)subjects पर फोकस करने के लिए| इन subjects में सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स को ज़्यादातर परेशानी होती है और आमतौर पर क्लास 10th के बाद अक्सर स्कूल छोड़ देते हैं। इन्हीं subjects की पढ़ाई को मज़बूत बनाने के लिए, ये project 55 स्कूलों में चल रहा है।
एक user द्वारा पोस्ट किए गए एक ट्वीट में, उसने एक फोटो के साथ टीचर Sanjay Sen की details शेयर की हैं, जहाँ उस टीचर को बोर्ड पर लिखने में कठिनाई हो रही है। फोटो में दिखाए गये उस आदमी के पास wheelchair या crutches का access भी नहीं है|
Differently-abled होने के बावजूद, वो Math, Science और English जैसे बच्चों के complex subjects को पढ़ाने में कामयाब है। उनकी फोटो शेयर करने के बाद, कई लोगों ने इस टीचर की तारीफ़ की कि वो एक mobility vehicle की कमी के बावजूद challenges को overcome कर के एक educator बने हुए हैं|
Nek in India, Sanjay Sen जैसे टीचर्स को सलाम करता है, जो साबित करते आए हैं कि टीचिंग सिर्फ पेशा ही नहीं बल्कि एक पुकार है|
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