Krishna Teja Mylavarapu ने 48 घंटों में बचाई 2 लाख लोगों की जान
केरल में विनाशकारी बाढ़ में एक तेलुगु IAS officer Krishna Teja Mylavarapu को hero के रूप में सम्मानित किया जा रहा है क्योंकि उनके समय पर intervention के ज़रिए ‘Operation Kuttanad’ के रूप में 48 घंटों में दो लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुँचाया गया है|
आंध्र प्रदेश के गुंटूर में चिलकलुपेट के Krishna Teja Mylavarapu, अलप्पुज़ा के sub-collector हैं। जैसे ही Krishna Teja को अलप्पुज़ा के sub-collector के रूप में तैनात किया गया था, उन्होंने वो किया जो उन्हें सबसे ज्यादा करना पसंद था।
लगभग दो या तीन महीनों में, वो practically अपने jurisdiction के अंदर आने वाली सभी जगहों में कई बार जाया करते थे| उन्हें low-lying areas की पूरी knowledge थी और जैसे ही उन्हें लगा कि उस एरिया में बाढ़ आ सकती है, वो तुरंत action में आ गये|
Krishna Teja Mylavarapu ने रविवार देर रात अलप्पुज़ा से फोन पर सूत्रों को बताया कि रातोंरात उन्हें सैकड़ों नाव मिल गईं, कर्मियों को तैयार किया और सुबह कार्रवाई शुरू कर दी गई।
16 अगस्त को रात 10 बजे, ये क्लियर था कि आपदा होगी। वो उस समय केरल के finance minister Thomas Isaac के साथ एक मीटिंग में थे। दोनों ने फैसला किया कि समय बर्बाद करने का वक़्त नहीं है| बांधों के खुलने से, जैसा कि हुआ, निश्चित रूप से Kuttanad में सैलाब आ जाएगा और Krishna Teja ने calculate किया कि पानी कितने समय में पहुंच जाएगा|
वक़्त की कमी को महसूस करते हुए, Krishna Teja ने पुलिसवालों को नावों पर बुला लिया ताकि लोगों को उस जगह से खाली करते समय कोई परेशानी ना हो| 17 अगस्त की सुबह Krishna Teja और Thomas Isaac पूरी तरह से rescue और evacuation operations में लगे हुए थे।
Krishna Teja ने कहा कि उन्हें एक बार भी ये विचार नहीं आया कि वो खुद ख़तरे में हैं| वो पूरी तरह से बचाव अभियान में जुटे हुए थे| उन्होनें कहा कि ऐसा समय भी आया जब पानी उनके कंधों तक आ गया था|
हालाँकि 48 घंटे का ऑपरेशन सबसे कठिन था, लेकिन ये Krishna Teja के लिए सबसे satisfying भी था। उनसे पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता था कि उन्हें ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ेगा?, उन्होनें कहा कि वो सेवा करने के लिए ही IAS बने और ये वही था, जो उन्हें करना है|
शिविरों में सभी निकाले गए दो लाख लोगों को रखा गया है और उन्हें सभी सुविधाएं और ख़ाना उपलब्ध कराया जा रहा है। ये पूछे जाने पर कि उनके क्षेत्र में बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री में किस चीज़ की जरूरत है, Krishna Teja ने कहा कि “उन्होंने सबकुछ खो दिया है।” Krishna Teja Mylavarapu का ये काम सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया है।
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