Shivani Vats ने आज भी रखा है अपने शहीद पति की भावना को ज़िंदा
Shivani Vats 27 साल की थीं। और उनकी इकलौती बेटी, प्यारी छोटी Inayat, सिर्फ 3 साल की थी। एक चार साल की शादी, प्यार, खुशी और सपनों से भरी हुई| लेकिन इस खुशहाल परिवार के लिए आई एक खबर ने मानों उनकी ज़िंदगी को रोक सा दिया, शायद ऐसी ख़बर जिसकी कोई उम्मीद नहीं करता है|
ज़िंदगी में एक ही certainty है, उसकी uncertainty |
एक सैनिक कभी हार नहीं मानता है। चाहे उसके रास्ते में कुछ भी आए| लेकिन Major Navneet Vats खुद को वापस नहीं ला पाए, जब उन्हें एक यंग और खूबसूरत आर्मी ऑफीसर की बेटी से प्यार हो गया। इस infantry army officer, जिसका स्टाइल स्टेटमेंट Dabang और Gung-Ho था, वह उस वक़्त कमजोर हो गया जब उसका सामना प्यारी Shivani Vats से हुआ|
लेकिन call of duties और अलग-अलग जगह उनकी postings की वजह से उनकी प्रेम कहानी ने usual से थोड़ा ज़्यादा वक़्त लिया| हालांकि, आखिरकार उन्होंने 1998 में बहुत सारे ड्रामा के बाद शादी कर ली| Army officer की बेटी होने के नाते Shivani, Army lifestyle से वाकिफ़ थी|
एक सैनिक के लिए, उसकी पहली पत्नी हमेशा उसकी call of duty होती है और Shivani Vats ने इन सभी unsaid conditions के साथ शादी की। जब भी Navneet duty पर जाते, तो Shivani सिर्फ़ उन्हें ही याद करती| जैसा कि कहा जाता है कि Army wives silent ranks हैं, जो अपने पतियों के साथ मजबूत खड़ी हैं, जबकि उनके पति ड्यूटी पर उनसे दूर हैं। और शिवानी कोई exception नहीं थी| जब सैनिक घर लौटता है तो ज़िंदगी हमेशा एक grand celebration बन जाती है|
महीना, नवंबर। साल, 2003| चौथी बटालियन, तीसरी गोरखा राइफल्स के Major Navneet Vats, 32 राष्ट्रीय राइफल्स के deputation पर थे| उन्हें श्रीनगर में तैनात किया गया था और उन्हें वहाँ एक टेलिकॉम बिल्डिंग को खाली करने के लिए operation lead करने का task दिया गया था। 18 नवंबर, 2003 से उस BSNL बिल्डिंग में दो आतंकवादी घुसे हुए थे|
Major Vats ने अपनी टीम को सामने से lead किया क्योंकि वो बिल्डिंग में घुस गए थे। हालांकि, ये आसान काम नहीं था। Major Vats और उनके बहादुर सैनिक, आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में आ गए। क्रॉसफायर में आतंकवादियों में से एक को गोली मार दी गई| हालांकि, साथ ही, भारतीय सेना और आतंकवादियों के बीच intense shootout के परिणामस्वरूप Major Vats और एक Colonel समेत चार अन्य बहादुर सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए|
Major Navneet Vats को उनके धड़ पर छह गोलियां लगीं| इन गोलीबारियों ने उन्हें profusely bleeding छोड़ दिया। शायद भाग्य ने उनके लिए एक अलग ही कहानी लिखी थी। बाद में वह अपनी चोट के शिकार हो गये|
Major Navneet Vats को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया|
किसी भी माता-पिता के लिए अपने बच्चों को शाश्वत अलविदा कहना कभी आसान नहीं होता है। Major Navneet के माता-पिता लंबे समय तक चुप रहे। हालांकि, वो लंबे समय तक ऐसा नहीं कर पाए और उस वक़्त टूट गए, जब अपने बेटे के शरीर को श्मशान ले जाने से पहले एक आख़िरी बार चूमने के लिए उन्होनें सिर झुकाया|
छोटी Inayat ने wreath laying ceremony के दौरान अपने पिता को पुष्पांजलि अर्पित की। शिवानी ने पुष्पांजलि से कुछ फूल उठाए और उसे दिए| वो, Inayat को अपने पापा के चेहरे पर फूल डालते हुए देखती रहीं|
वापस देखने पर, एक शहीद की विधवा के रूप में ज़िंदगी इतने सालों में Shivani Vats के लिए इतनी आसान नहीं रही| वह Olive Green family की शुक्रगुज़ार है जिसने अपना प्यार और समर्थन बढ़ाया है। लेकिन, ख़ालीपन आज भी है। हालांकि, वह Major Vats की तरह ही साहस के साथ इससे रोज़ाना लड़ती है। Inayat की single mother होना और right attitude के साथ उसे पालना एक daunting task है। लेकिन वो मुस्कान और गर्व के साथ ऐसा कर रही है।
Inayat, उनकी एकमात्र बेटी जो अब 10 वीं में पढ़ रही है, जिसमें अपने पापा की तरह साहस है। वो इस fact पर गर्व महसूस करती है कि उसके पापा देश के सम्मान में विश्वास करते थे। उसका सिर हमेशा उँचा हो जाता है, जब भी वो अपने पापा के लिए ये कहती है, देश की सेवा करना ही उनका कर्तव्य था और वो अपने देश के लिए शहीद हुए|
सभी hardship और emotional gap के लिए, इनायत नहीं चाहती कि लोग उसको sympathy दें। उसने ज़िंदगी की इस कहानी को बहुत गर्व से accept कर लिया है, और वह जो चाहती है वो empathy है। Shivani Vats दृढ़ता से मानती हैं कि इनायत गर्व से Major Navneet Vats की विरासत को आगे बढ़ाएगी|
जब एक सैनिक अनंत काल की ओर जाता है, तो वह अपने परिवार को पीछे छोड़ देता है जो उसके गौरव, सम्मान और साहस पर जीता है। और हर मजबूत सैनिक के पीछे, किले को पकड़ कर रखने वाले unsung brave hearts हैं – उनकी पत्नियाँ और परिवार के लोग|
हम हर शहीद के परिवार को उनके साहस, प्रतिबद्धता और विश्वास के लिए सलाम करते हैं। जय हिन्द !
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