Anish Sharma का सपना, 1 रुपये से कम में sanitary pad देना
अक्षय कुमार की फिल्म पैड मैन (2018), एक दोस्त के साथ discussions और सैनिटरी पैड पर GST पर बहस ने दिल्ली स्थित ब्रांड कन्सल्टेंट Anish Sharma के लिए एक किरण पैदा कर दी, उनकी मेहनत से menstrual health में सुधार और स्वच्छता लाने के प्रयास ने उन्हें दिल्ली का पैड मैन का टैग कमाने की दौड़ में खड़ा कर दिया है|
कॉर्पोरेट दुनिया में 10 वर्षों तक काम करने के बाद Anish पिछले साल तक HT के साथ काम कर रहे थे, जब उन्होंने अपनी ज़िंदगी के मक़सद यानि कि अपनी पहल Mission Shakti के लिए अपना काम छोड़ दिया। उन्होंने एक recycled, low-cost, biodegradable sanitary pad का प्रोटोटाइप बनाया है। उनकी मेहनत का फल उन्हें तब मिला, जब World Menstruation Day (May 28) को उन्हें अभिनेता अक्षय कुमार द्वारा menstrual health और hygiene awareness के लिए NIINE Movement में सम्मानित किया गया|
पहल की शुरुआत के बारे में बात करते हुए, 32 साल के Anish Sharma कहते हैं कि उन्हें ये जानकर आश्चर्य हुआ कि आजादी के 70 सालों के बाद भी, भारत में 25 करोड़ महिलाओं ने कभी पैड का इस्तेमाल नहीं किया है। इसने उन्हें एक innovative और affordable समाधान खोजने के लिए प्रेरित किया। सैनिटरी पैड बनाने के लिए recycled cigarette butts का इस्तेमाल करने का आइडिया उनके दिमाग़ में आया| उन्होनें butts को इकट्ठा कर, प्रोटोटाइप पर काम करना शुरू कर दिया|
लेकिन cigarette butts के इस्तेमाल ने स्वच्छता के बारे में सवाल उठाए। फिर उन्होनें गन्ने की top layer (यह 70% सेलूलोज़ और 30% लिग्निन होती है) और cigarette butts की bottom layer के साथ एक पैड बनाने के लिए काम किया, लेकिन उनके दोस्त तब भी cigarette butt layer के बारे में unsure थे|
Cigarette butts को हटाने जैसे challenges के साथ, पैड की cost को एक रुपये से भी कम रखने और branded pads के बराबर quality रखने के साथ, process में कई challenges थे, लेकिन आयुर्वेद बचाव के लिए आया| उन्होनें isabgol (Psyllium husk) और sabudana (Sago) के साथ experiment किया, जो कि अच्छी तरह से काम नहीं किया| Gond katira (tragacanth gum) भी उनके दिमाग में आया| Delhi University graduate Anish कहते हैं कि इसका पाउडर सच में अच्छी तरह से काम कर रहा था, लेकिन बहुत ज़्यादा इस्तेमाल होने पर ये पैड की cost बढ़ा रहा था, इसलिए उन्होनें इसे पैड की absorption capacity बढ़ाने के लिए Multani mitti (fuller’s earth) के साथ मिक्स किया|
उन्होंने प्लान का execution शुरू कर दिया है (जो कई लोगों के लिए नौकरियां पैदा करेगा) और 100% Indian, natural, biodegradable और दुनिया के सबसे cheapest sanitary pad -₹1 per pad के पेटेंट के लिए apply किया है। Anish Sharma, जो कि भारत को 2022 तक दुनिया का पहला 100% menstrual health और hygiene वाला देश बनते देखने का सोच रहे हैं, कहते हैं कि pads (approved by sanitary pads testing lab for functionality) को पांच पैड के पैक के लिए छह रुपये की कीमत पर सरकार को provide किया जाएगा|
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