Manjunath Devareddy ने 15 मिनिट अपराधी का पीछा कर की पुलिस की मदद
जब बंगलुरू का 23 वर्षीय मैकेनिकल इंजीनियरिंग स्टूडेंट Manjunath Devareddy दोपहर को अपने घर से बाहर निकला, तो उसे उम्मीद थी कि वो अपना मोबाइल रिपेर करवा लेगा|
Manjunath ने उन 15 मिनिट का ज़िक्र करते हुए कहा कि वो और उनका दोस्त करीपप्पा रंगोली आर्ट सेंटर के पास एमजी रोड पर साथ चल ही रहे थे कि अचानक उन्हें मदद के लिए जोर से एक आवाज़ सुनाई दी| मंजुनाथ ने पहले तो सोचा कि ये एक मजाक है और इस बात से बेफ़िक्र एक पुलिसवाला कुछ दूरी पर ही फोन पर बात कर रहा था| लेकिन जब Manjunath ने एक आदमी को एक औरत पर चाकू चलाकर और हार के साथ भागते हुए देखा, तो उन्होनें कुछ और नहीं सोचा और वो उसके पीछे भाग गये|
Manjunath Devareddy ने चर्च स्ट्रीट पर दूसरी तरफ वाली रोड पर चैन-स्नैचर, दस्तगीर का पीछा किया। चर्च स्ट्रीट पर पीछा जारी रहा। क्योंकि उसके पास चाकू था, कोई भी उसे पकड़ने की कोशिश नहीं कर रहा था। पुलिसकर्मी, ऑटो रिक्शा चालक जो आसपास उपस्थित थे, सबने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन वह स्वतंत्र रूप से संघर्ष करने में सफल रहा और सेंट मार्क रोड की तरफ दौड़ता रहा|
चर्च स्ट्रीट पर एक बार एंप्लायी मुकेश ने दस्तगीर का गुस्से में पीछा भी किया लेकिन दास्तागिर ने अपना चाकू घुमाते हुए उसके हाथ पर अपना चाकू मार दिया| एक अंजान आदमी ने भी उसके सामने अपनी साइकल फेंक कर उसका रास्ता रोकने की कोशिश की लेकिन दस्तगीर इससे भी बचने में सफल रहा और भागता रहा, जब तक कि वो दो पुलिस कॉन्स्टेबल प्रताप और महेश नहीं टकराया|
रोड के आख़िर में, Manjunath Devareddy, एमजी रोड से पुलिस कॉन्स्टेबल नागेश के साथ, दस्तगीर को पकड़ने में कामयाब रहे और उसे नीचे जमीन पर पिन कर किया। हालांकि, इस पर, दस्तगीर ने एक बार फिर अपने चाकू को घुमाया और इस बार उन्हें पेट के बल गिरकर उनके बाएं हाथ को दबा दिया। Manjunath कहते हैं कि उनकी शर्ट फट गई और उनके हाथ पर चोट भी लगी लेकिन उन्हें कुछ महसूस नहीं हुआ| पहली बार, उन्हें डर लग रहा था क्योंकि अब तक उन्होनें उससे चाकू छीनने का नतीजा नहीं सोचा था।
हिचकिचाहट का दूसरा मौका पाकर, दस्तगीर छूटने में कामयाब रहा और भागने लगा| हालांकि, उसके बाद ज़्यादा पीछा नहीं करना पड़ा| Manjunath कहते हैं कि वो इस वक़्त तक थक गया था और अब बहुत से लोग देख रहे थे जो भी हो रहा था। वो 10-20 फीट भाग गया था और पुलिस कॉन्स्टेबल ने उसे फिर से पकड़ कर गिरा दिया|
इस बार, Manjunath अपराधी का चाकू हाथ से नीचे फेंकने में कामयाब रहे और पुलिस और अन्य लोगों को उसे हिरासत में ले लिया|
हालांकि, इस के बाद Manjunath को ज्यादा याद नहीं है। वो पास की दुकान में गये और उन्होनें अपने कपड़े साफ़ किए| बहुत देर बाद वो क्यूबोन पार्क पुलिस स्टेशन गये, जहाँ उन्होनें देखा कि अपराधी को हिरासत में ले लिया गया था। पुलिस इसके बाद उन्हें इलाज के लिए हॉस्पिटल ले गयी|
Manjunath Devareddy का वो दिन करीब रात 11 बजे ख़त्म हुआ, जब उन्होंने हथेली पर पांच स्टिच के साथ अस्पताल छोड़ा और कनकपुरा मेन रोड पर चल पड़े, जहां कि वो पीजी में रहते हैं| उन्होनें हंसते हुए कहा कि उन्होनें अभी भी अपना फोन रिपेर नहीं करवाया है| लेकिन उन्हें खुशी है कि वो पुलिस की मदद करने में कामयाब रहे|
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