बहादुर पुलिसवालों ने lynching से बचाई 5 लोगों की जान
महाराष्ट्र के धुले में mob lynching की घटना अपनी चरम पर है, नासिक के मालेगांव में भीड़ सतर्कता की एक और घटना सामने आई है। बच्चों के अपहरणकर्ता होने की अफवाहों के बाद दो जोड़ों को नाराज भीड़ द्वारा निशाना बनाया गया| जोड़ों को तुरंत पुलिस कार्रवाई के बाद बचाया गया है| पुलिस ने जोड़ों को भीड़ के गुस्से से बचाने के लिए एक घर में छुपाया।
रविवार को रात 11.30 बजे, मालेगांव पुलिस IPS officer Harssh A Poddar को एक कॉल द्वारा दो पुरुष, दो महिलाएं और दो साल का बच्चा होने के बारे में सूचित किया गया| उनके बाल-तस्कर होने की अफवाहें फैल गयी और पुलिस जल्दी ही अली अकबर रोड पहुंची। पुलिस के घटनायस्थल पहुँचने तक लगभग दस मिनट के टाइम में, भीड़ लगभग 1,500 लोगों तक पहुंच गई।
आईपीएस अधिकारी ने भीड़ को शांत करने के लिए इमाम जैसे स्थानीय धार्मिक नेताओं से अनुरोध किया। फिर भी, कोई राहत नहीं मिली| गुस्साई भीड़ सुनने को तैयार नहीं हुई और उन्होनें इमारत पर पत्थर फैंकना शुरू कर दिया और यहां तक कि पुलिस पर भी, जो जोड़ों को बचाने के लिए गये थे| अतिरिक्त बल भी मौके पर पहुँच गये क्योंकि भीड़ ने एक पुलिस वाहन को भी उल्टा कर दिया था और बड़ी मुश्किल से जोड़ों को लाठी चार्ज के बाद उग्र भीड़ के झुंड से बचाया गया। पुलिस जोड़े को मालेगांव शिविर पुलिस स्टेशन ले गयी|
नकली खबरों के आधार पर lynching पर प्रकाश डालते हुए आईपीएस अधिकारी ने कहा कि इन सभी मामलों में लोग सोचने से रुक नहीं रहे हैं| लोगों का आरोप था कि परिवार 14 साल के लड़के का अपहरण करने की कोशिश कर रहा था| लेकिन उनलोगों ने एक बार तथ्यों की बुनियादी जांच करने की कोशिश तक नहीं की और न ही वे इस तथ्य से शांत थे कि पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है और इस मामले की जांच करेंगे। इनमें से कई अफवाहें दुश्मनों द्वारा उकसाई जाती हैं जो सिर्फ हिंसा को बड़ावा देती हैं|
आज़ाद नगर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर प्रभारी ने घटना की पुष्टि की है। यह जोड़ा महाराष्ट्र के परभानी जिले से है। पुलिस जोड़े और बच्चे की पहचान का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
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