15 साल के Arsh Ali हैं भारत के youngest archaeologist

मिस्र बौद्ध धर्म के बारे में पढ़ना एक 17 साल के लड़के के इंटेरेस्ट में नहीं होता है। लेकिन Arsh Ali के लिए यह वो सब्जेक्ट है, जिसने पिछले कुछ सालों से उसे खा लिया है।

उन्होंने हाल ही में नॅशनल म्यूज़ीयम’स इंडिया और वर्ल्ड लेक्चर सीरीस के हिस्से के रूप में इस पर एक संवाद दिया। जबकि उनकी उम्र के लड़के सोशल मीडिया पर अपना ज़्यादातर वक़्त बिताते हैं, Ali, जो शायद देश के सबसे छोटे आर्कियालजिस्ट है, शवेल्स और मिट्टी को पसंद करते हैं|

Arsh Ali
Photo : youtube.com

इलाहाबाद में रहने वाले Arsh Ali केवल 15 साल के थे, जब उन्होंने राजस्थान के बिनजोर की हड़प्पा साइट पर भारत के आर्कियोलॉजिकल सर्वे के साथ अपनी पहली खुदाई की शुरुआत की। इसके बाद, डेक्कन कॉलेज के डॉ वसंत शिंदे की अगुवाई में राखिगरी का सिंधु घाटी स्थल आया|

वो इस समय वेदों को हाइरोग्लिफ्स यानि कि ancient Egyptian राइटिंग सिस्टम में translate कर रहे हैं| वो कहते हैं कि जब वो 2nd क्लास में थे, तब उन्होनें हाइरोग्लिफ्स पढ़ना शुरू किया। लाखों सिंबल्स हैं इसलिए ग्रॅमर को जानने की जरूरत है|

नॅशनल म्यूज़ीयम के महानिदेशक डॉ बी आर मनी, जिन्होंने Arsh Ali को अपने भारत और विश्व लेक्चर सीरीस का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया, उन्होनें उसे ‘wonder boy’ कहा|

Arsh Ali
Photo : youtube.com

उन्होनें कहा कि वो 2015 में गुवाहाटी में Arsh से एक सेमिनार में मिले और इतनी छोटी उम्र में excavation, history और art के विभिन्न क्षेत्रों में किए गए उनके कामों से काफ़ी प्रभावित हुए| उन्होनें कहा कि वो शायद भारत में एकमात्र इंसान है, जो हाइरोग्लिफिक राइटिंग जानता है|

दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय के माध्यम से चलते हुए, वह उन ऑब्जेक्ट्स को पॉइंट-आउट करता है जो उसकी आंखें देखती हैं। वो जपानीस पॉटरी से बाइयालजी तक सब कुछ के लिए अपने उत्साह में अपने स्पष्टीकरण और बचपन में एक बार व्यावहारिक है।

Arsh Ali
Photo : 4to40.com

 

Arsh Ali, 2016 से एक ओपन स्कूल अटेंड कर रहे हैं, जो उन्हें उनकी अलग-अलग दिलचस्पीयों को पूरा करने देता है। उनका कहना है कि एक वक़्त था जब वो अपनी क्लासस में फेल हो रहे थे और एक्सट्रा-करिक्युलर आक्टिविटीस की वजह से उन्हें अटेंडेन्स प्रॉब्लम्स भी हो रही थी|

इस साल वो, सम्राट अशोक और मिस्र में बौद्ध धर्म के प्रसार और शेष हेलेनिक वर्ल्ड के बीच लिंक स्थापित करने के लिए मिस्र में सांची और सुपारा और मिस्र में काहिरा और सक्कारा जैसे बौद्ध स्थलों की यात्राओं के साथ व्यस्त रहे हैं|

Arsh Ali
Photo : timesofindia.indiatimes.com

Arsh Ali कहते हैं कि वो उनकी मां फातिमा है जिन्होंने इतिहास में उनकी रूचि को प्रोत्साहित किया। जब वह 14 साल के थे, तो उनकी माँ ने उनकी अड्वॅन्स्ड प्लेसमेंट कॉलेज-लेवेल एग्ज़ॅमिनेशन्स देने की व्यवस्था की, जो अमेरिकी हाई स्कूल के स्टूडेंट्स करते हैं। उनकी माँ भी आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के टच में आ गई और एक्सकवेशन्स और एक्सप्लोरेशन्स के पूर्व निदेशक डॉ सैयद जमाल हसन को कन्विन्स्ड किया, जिसके बाद उन्होंने Arsh को मिलने के लिए बुलाया|

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Geeta Rana

I am a Content Writer by Hobby, A Blogger by profession, as well as Owner of Nekinindia.com.

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