250km की दूरी तय कर स्टूडेंट्स पहुँचे अपना स्कूल बचाने
एक डेस्परेट बिड में अपने इन्स्टिट्यूशन को बंद होने से बचाने के लिए चित्रदुर्ग जिले के अलाघट्टा गवर्नमेंट हाइ स्कूल के स्टूडेंट्स ने रात भर 250 किलोमीटर की यात्रा की और सुबह मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी से मुलाकात की।
अपनी यूनिफॉर्म पहने और स्कूलबैग लटकाए हुए, 43 स्टूडेंट्स, जिनमें लड़कियों की उचित संख्या शामिल थी, 5 बजे के आसपास जेपी नगर में मुख्यमंत्री के आवास के पास पहुंचे। 10.45 बजे छात्रों से मिलने और उन्हें आराम से सुनने के बाद कुमारस्वामी ने अधिकारियों को स्कूल बंद ना करने के लिए सुनिश्चित करने के लिए कहा|
स्टूडेंट्स ने कहा कि उन्हें 16 जून को अधिकारियों ने बताया था कि उनका 24 साल पुराना स्कूल बंद हो जाएगा और उन्हें 15 किलोमीटर दूर भररामसागर में एक स्कूल में शिफ्ट कर दिया जाएगा। बच्चों के अनुसार, इस अकादमिक वर्ष के लिए क्लासस पहले ही शुरू हो चुकी हैं। जबकि क्लास 8 के लिए अड्मिशन्स चल रहे हैं और क्लास 9 और 10 के लिए लेसन्स दिए जा रहे हैं|
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स्कूल को बंद करने और स्टूडेंट्स को भारमसगरा में शिफ्ट करने के कारण के रूप में अधिकारियों ने स्टूडेंट्स की खराब स्ट्रेंगथ बताया| अलाघट्टा स्कूल में उनमें से लगभग 50 हैं|
ग्रामीणों के साथ, परेशान स्टूडेंट्स ने रात 11.30 बजे अपने गांव से निकले| लगभग सुबह 8.45 बजे, मुख्यमंत्री के अधिकारियों ने उनसे पूरी जानकारी ली| जब मुख्यमंत्री 10:45 बजे अपनी कार से जाने वाले थे, तो स्टूडेंट्स उन्हें बुलाने के लिए चिल्लाए| उनके ‘सीएम साार’ चिल्लाने पर कुमारस्वामी रुक गए, बच्चों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी मांग पूरी की जाएगी|
उन्होंने ग्रामीणों से पूछा कि वे बच्चों को शहर में क्यों लाए थे। ग्रामीणों ने जवाब दिया कि उनके पास कोई विकल्प नहीं था क्योंकि कोई भी उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं देता है|
मुख्यमंत्री ने स्कूल में स्टूडेंट्स की स्ट्रेंगथ पर अधिकारियों से एक रिपोर्ट मांगी है|
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अलाघट्टा के ग्राम पंचायत सदस्य ई नागराज ने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी दशकों पुराने स्कूल को बंद करके निजी स्कूल लॉबी की मदद कर रहे थे। उन्होनें कुछ दिनों के लिए विभाग के फैसले के खिलाफ विरोध किया लेकिन कोई भी उन्हें सुनने के लिए तैयार नहीं था। इसलिए उन्हें न्याय तलाशने के लिए मुख्यमंत्री से मिलने के लिए आना पड़ा|
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