Cop Nilesh Bhalerao,65 साल की बूढ़ी औरत के लिए बेटे से कम नहीं
पुलिस बुरी है, पुलिस लोगों को परेशान करती है, पुलिस अपनी पावर का गलत इस्तेमाल करती है, पुलिस करप्ट है, पुलिस ऐसी है, पुलिस वैसी है, ये सब और ना जाने कितना कुछ बुरा, गलत सुनने को मिलता है। आज हमारे पास है पुलिस की एक दूसरी कहानी, उसका दूसरा पहलू, जिसे जान कर आप भी कह उठेंगे की वाकई क्या नेक काम किया है। तो सबसे पहले आपका परिचय करवाते हैं इस नेक काम के नायक से, जिनका नाम है Nilesh Bhalerao और ये साकीनाका पुलिस स्टेशन के सब इंस्पेक्टर हैं|
एक दिन इनके पुलिस स्टेशन में 65 साल की लता परदेशी पहुँचती हैं और कहती हैं कि उनके पास ना रहने के लिए कोई घर है, ना खाने के लिए पैसे और ना ही कोई रिश्तेदार जिसके पास वो जा सकें। यहाँ जो Nilesh Bhalerao ने किया, वो उन्हे बनाता है हमारी कहानी का नेक नायक। लता जी को किसी पुलिसवाले की तरह निपटाने कि बजाए नीलेश ने उन्हे तुरंत ही पुलिस स्टेशन मे ही रहने का न्योता दे दिया। साथ ही नीलेश ने लता जी से याद वादा भी किया कि वो उनके रहने के लिए जल्दी ही किसी जगह का इंतेजाम कर देंगे।
इसके बाद Nilesh Bhalerao और उनके सारे साथी जुड़ गए लता जी के लिए घर ढूँढने मे। वो घर उन्हे मिला कर्जत के एक ओल्ड एज होम मे। 2 दिन तक पुलिस स्टेशन मे ही रहने के बाद लता जी को उनके नए घर भिजवाया गया। इतना ही नहीं, नीलेश और उनके बाकी साथियों ने मिलकर लता जी के लिए 23000 रुपये भी इकट्ठा किए और उनके लिए एक बैंक अकाउंट भी खुलवा दिया है जिसमे कोई भी उनकी मदद के लिए पैसा जमा करवा सकता है।
उनसे बात करने पर लता जी के शब्दों मे सिर्फ Nilesh Bhalerao के लिए तारीफ़ें ही निकलती हैं। उनका कहना है कि सभी पुलिसवालों ने उनके साथ अभूत ही अच्छे तरीके से बर्ताव किया, मगर भालेराओ का रवैया कुछ विशेष ही था। उसने मुझे बिलकुल माँ कि तरह समान दिया और मुझे तुरंत ही 500 रुपये खाने के लिए भी दिये।
वाकई Nilesh Bhalerao, आपके जैसे पुलिसवालों की हमारे देश को बहुत ज़रूरत है। ईश्वर आपको हमेशा सलामत रखे और आप ऐसे ही नेक काम करते रहें, नेक इन इंडिया की आपके लिए यही कामना है।
(हमसे जुड़े रहने के लिए आप हमें फेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं )