55 साल की Vasanti Joshi का “Conquering Fears” वाला सफ़र
कहते हैं कि जिनके अंदर कुछ अलग करने कि ललक, कुछ अलग करने का जज़्बा होता है ना, वो कभी ना कभी, किसी ना किसी तरीके से, देर-सवेर ही सही, अपने दिल कि सुनते ज़रूर हैं, कुछ करते ज़रूर हैं। आज की कहानी ऐसे ही एक जज़्बे वाले इंसान कि है। इनसे मिलिये, इनका नाम है Vasanti Joshi।
पेशे से Joshi मैडम एसएनडीटी आर्ट्स & कॉमर्स कॉलेज फॉर वुमेन में 1984 से एसोशिएट प्रोफेसर हैं। अब कहने को तो काम इनका पढ़ाना है, मगर वो शिक्षकों की एक फितरत होती हैं ना, कि हर कीमत पर अपने बच्चों को आगे बढ़ाना चाहते हैं, उनकी कमियों को पूरा करना चाहते है, बस ऐसी ही एक फितरत से ग्रसित हैं Vasanti Joshi।
कॉलेज में इनहोने यह महसूस किया कि लड़कियों को ऐडवेंचर आदि की तरफ ज्यादा बढ़ावा नहीं दिया जाता, जबकि ऐसा होना चाहिए। बस इसी विचार के साथ Vasanti Joshi ने कॉलेज में ही जिगर क्लब की शुरुआत की। इस क्लब के सौजन्य से वो 25 लड़कियों को पुणे के कन्याकुमारी तक के ऐडवेंचर ट्रिप पर लेकर गयी, जिसके बाद उन्होने लड़कियों के मनोबल और आत्मविश्वास मे गजब का सुधार देखा। अब उन्हे समझ आ चुका था की करना क्या है।
बस अपनी इस सफलता से प्रेरणा लेकर अब Vasanti Joshi महिलाओं को अपने सपनों को हासिल करने का संदेश देने के लिए एक सफर पर निकल चुकी हैं। इस सफर के जरिये वो अपने कैम्पेन “Conquering Fears” को प्रमोट भी कर रही हैं। उनका यह सफर कन्याकुमारी से लेह तक जाएगा, जिसमे की बीच में 19,300 फीट की ऊंचाई पर स्थित विश्व का सबसे ऊंचा वाहन चलने योग्य सड़क उमिंग ला भी आएगा। Vasanti जी के साथ उनके इस सफर पर उनकी मैंटर शुभदा जोशी और उनकी बेटी केतकी जोशी भी होंगी, जो उनके लॉजिस्टिक्स टीम की तरह उनका साथ देंगी।
अपने सफर के पूरा होने के बाद Vasanti जी का विचार है की वो अपने “Conquering Fears” मुहिम को और भी बुलंद करेंगी और महिलाओं के जीवन के लक्ष्य और उसमे आने वाली रुकावटों को दूर करने के लिए प्रोग्राम्स इत्यादि का संचालन करेंगी।
नेक इन इंडिया कामना करता है कि Vasanti Joshi अपने सफर मे कामयाब हो और महिलाओं के लिए और भी बेहतर काम करें। नेक इन इंडिया की पूरी टीम की तरफ से आपको बहुत बधाई और शुभकामनाएँ Vasanti जी।
(हमसे जुड़े रहने के लिए आप हमें फेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं )