Northeast को मिला उसका पहला solar powered railway station
लगभग एक साल तक पूरी तरह कार्यात्मक होने के बाद, Guwahati railway station की सौर ऊर्जा परियोजना को पर्यावरणीय चेतना में एक योग्य सबक माना जा रहा है। परियोजना, जिसे अप्रैल 2017 में लॉन्च किया गया था, शहर के दिल में स्थित पूरे स्टेशन की बिजली की जरूरतों को पूरा करता है, जिसे पूर्वोत्तर भारत में प्रवेश द्वार माना जा रहा है। Northeast Frontier Railways (NFR) के प्रणव ज्योति शर्मा कहते हैं कि कुछ महीने पहले उन्होनें पूरे स्टेशन में एलईडी रोशनी इनस्टॉल्ड की थी, जिससे बिजली की खपत 100 किलोवाट कम हो गई। यह अधिक ऊर्जा कुशल एलईडी रोशनी के साथ बिजली उपभोग करने वाली रोशनी को प्रतिस्थापित करने के लिए NFR द्वारा लार्जर ग्रीन इनिशियेटिव का हिस्सा था।
अप्रैल 2017 में, स्टेशन की छत पर एक 700 किलोवाट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया गया था। 12 अप्रैल, 2017 और 10 मई, 2018 के बीच संयंत्र ने 7,96,669 किलोवाट बिजली उत्पन्न की है जबकि औसत उत्पादन रोज़ाना 2,048 किलोवाट है। प्लांट की वजह से 67,71,687 रुपये बिजली बचाई गई है।
प्रणाली एक स्टैंडअलोन नहीं है लेकिन ग्रिड जुड़ा हुआ है| ये बरसात के दिनों में विशेष रूप से सहायक होता है। शर्मा कहते हैं कि इसलिए जब भी पीढ़ी की कमी होती है, वो ग्रिड से निकालते हैं और जब भी अधिशेष पीढ़ी होती है, वो ग्रिड में खिलाते हैं।
NFR मणिपुर, मिजोरम और नागालैंड में इसी तरह के प्लांट की योजना बना रहा है।
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