Uddhab Bharali हैं 140 से भी ज़यादा innovations के मालिक

भारत उन लोगों से भरा है जिन्होंने अपने सपने को हासिल किया है और अब दूसरों के लिए एक प्रेरणा हैं| उत्तर-पूर्व में प्रसिद्ध मुक्केबाज मैरी कॉम के अलावा असम के लखिमपुर जिले के रहने वाले 56 वर्षीय भारतीय आविष्कारक Uddhab Bharali ऐसे ही इंसान हैं जिन्होनें पॉलिथीन बनाने वाली मशीन बनाने से शुरूआत करते हुए उन्होंने अपने Innovations की संख्या में 140 से ज्यादा की बढ़ौतरी की है|

Uddhab Bharali 
Photo : networkedindia.com

Uddhab Bharali का जन्म 7 अप्रैल 1962 को असम के लखिमपुर जिले में एक बिज़्नेस क्लास फॅमिली में हुआ| उनकी पढ़ाई सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय, उत्तर लखीमपुर में हुई| वह शुरू से ही पढ़ाई में बहुत होशियार थे और यही वजह थी कि उन्हें दो बार प्रमोट किया गया, क्लास 1st से 3rd और 6th से 8th| वह निश्चित रूप से अपने उम्र के बच्चों की तुलना में एक कदम आगे थे क्योंकि जब वो क्लास 8th में थे तब वो क्लास 9 और 10 के सबसे toughest sums को आसानी से सॉल्व कर लेते थे| जब उनकी स्कूली शिक्षा पूरी हुई तो वो इंजीनियरिंग के लिए जोरहट इंजीनियरिंग कॉलेज चले गये| हालांकि, वह केवल वित्तीय संकट के कारण AMIE sec 1 को पूरा करने में सक्षम थे, लेकिन पैसों की कमी और अपने परिवार की देखभाल करने के लिए उन्हें कॉलेज छोड़ना पड़ा|

Uddhab Bharali 
Photo : internet

Uddhab Bharali ने अपने परिवार की मदद करने के लिए एक पॉलिथिन बिज़्नेस शुरू करने का फैसला किया, लेकिन आवश्यक मशीनरी खरीदने के लिए उनके पास इतना पैसा नहीं था| इसके बाद उन्होंने खुद ही अपनी मशीन तैयार की, जिसमें कि उन्होनें बाजार में उसी मशीन के लिए 5 लाख की लागत के मुकाबले केवल 67,000 रुपए का खर्च किया| यह उनके innovation की शुरुआत थी और उसके बाद agriculture और small-scale Industries पर बेस्ड कई नये-नये innovation किए गये| उनकी प्रसिद्ध पोमेग्रनेट दे-सीडिंग मशीन, बाहरी पतलून को भीतरी पतली झिल्ली से बीज को किसी नुकसान किए बिना अलग कर सकती है, जिससे कि आसानी से प्रति घंटे 55 किलोग्राम अनार के बीज को बो सकते हैं| इस मशीन ने उन्हें 2006 में एक innovator का टैग दिया| Uddhab के 140 से ज़्यादा इनोवेशन्स environment-friendly और cost-effective हैं|

Uddhab Bharali 
Photo : theassamnews.com

Uddhab Bharali का मानना है कि जरूरत सभी आविष्कारों की मां है और यही वह उन्होनें साबित किया है। जो व्यक्ति एक बार एक बड़े कर्ज में था, वह अब 140 से ज़्यादा मशीनों का आविष्कारक है। यह बेहतर समाज के लिए और बेहतर भविष्य के लिए Uddhab की pure zeal है, जिसकी वज़ह से उन्हें आज सफलता मिली है| सबसे अच्छी बात ये है कि उनके innovations ने agriculture sector और small scale Industries में क्रांति पैदा की है। हमें उम्मीद है कि real life heroes की ऐसी कहानियां दूसरों को अपने जीवन में नई ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रेरणा दे सकती हैं।

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Geeta Rana

I am a Content Writer by Hobby, A Blogger by profession, as well as Owner of Nekinindia.com.

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