बिना हाथों वाली Uttarakhand की Anjana Malik के पास हैं जादुई पैर
27 साल की Anjana Malik को पूरे आत्मविश्वास से पैरों की उंगलियों के बीच पेन फँसाकर गणेश जी की पेंटिंग बनाते देखना अपने आप में एक आश्चर्य है| कुछ साल पहले जब एक मजदूर की बिना हाथों और deformed back & legs की यह बेटी पेदा हुई तो उसके पास Rishikesh की सड़कों पर भीख माँगने के अलावा कोई काम ना था| फिर एक दिन, Stephanie Joyce जो कि Virginia, US, की एक artist और yoga teacher हैं से मिलकर उसको ज़िंदगी बदलने का एक मौका मिला|
Stephanie के अनुसार उन्होनें Anjana Malik को पहली बार Rishikesh की रोड के एक कोने में पैर की उंगलियों से paper पर कुछ लिखते और लोगों से भीख माँगते देखा था| और जब वह उसके पास पहुँची तो उन्होनें देखा कि अंजना पैरों की मदद से पेपर पर ‘राम’ लिख रही थी|
तब Stephanie को बड़ा आश्चर्य हुआ कि Anjana पैरों की मदद से आसानी से लिख सकती है तो कुछ drawing भी कर लेगी और उन्होनें उसे अपनी drawing-book दिखाई और अंजना भी इस बात से खुश हो गयी| दूसरे दिन Stephanie ने उसे वॉटर-कलर ला कर दिए और उसकी पेंटिंग्स देखकर बहुत खुश हुई| कुछ ही हफ्तों में अंजना एक अच्छी आर्टिस्ट बन गयी|
कुछ ही महीनों की कोशिश से Anjana Malik को अपने पैरों की मदद से प्रसिद्ध भगवान जैसे गणेश और स्केच-बर्ड जैसे मोर बनाना आ गया| धीरे-धीरे उसकी paintings लोगों के आकर्षण का केंद्र बनने लगीं और लोग उसके काम की तारीफ करने लगे| उसकी एक painting की क़ीमत 2500रु से 25000रु तक है, जिससे वह अपने माता-पिता और विकलांग भाई का खर्च उठाती है| उसके ज़्यादातर customer विदेशी हैं|
कैसे Stephanie से मिलकर उसकी ज़िंदगी बदल गयी, इस पर Anjana Malik कहती है कि उसे यह काम करना अच्छा लगता है और अब उसे ज़िंदगी का मक़सद मिल गया है|
हम में से बहुत लोग ऐसे हैं जो किस्मत के भरोसे बैठे रहते हैं, पर किस्मत तो खुद बनानी पड़ती है, अंजना सच में प्रेरणा है ऐसे लोगों कि जो मेहनत किए बिना ही सफ़लता का ख़्वाब देखते हैं|
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