गाँव की lady सरपंच Neelam ने जीती ‘घूँघट’ के ख़िलाफ लड़ाई
Neelam, गांव की कई औरतों के लिए एक प्रेरणा है और यह कहना गलत नहीं होगा कि हरियाणा के छोटे से गांव छपार की सरपंच (गांव की प्रमुख) के बाद ये गाँव कई सकारात्मक बदलावों का साक्षी रहा है| अब छपार गांव में औरतों को घोंघघाट (घूँघट) पहनने के लिए मजबूर नहीं किया जाता है, वो जैसे चाहें अपनी सुविधा के हिसाब से कपड़े पहन सकती हैं| परिवार में लड़की पैदा होने पर लोग मिठाइयाँ बाँटते हैं और इस बात का ध्यान रखते हैं कि उनकी बेटी स्कूल पढ़ने ज़रूर जाए|
बच्चों से लेकर बूढ़े तक, गाँव में सभी Neelam की बहुत इज़्ज़त करते हैं| 31 साल की उम्र में इस नौजवान महिला ने अपने गाँव के लोगों की सेवा करने के रास्ते को चुना, क्यूंकी उनका मानना है कि कोई भी positive change लाने के लिए किसी एक को उस रास्ते पर चलना ज़रूरी है, ताकि वो भटके हुए लोगों का मार्गदर्शन कर सके|
घूँघट पहनना महिलाओं का एक पुराना कस्टम है, जो अभी भी ग्रामीण भारत के कई हिस्सों में प्रचलित है| वो बताती हैं कि घूँघट पहनना उन्हें दम घोंटने जैसा लगता था और रीति-रिवाज़ के नाम पर घूँघट करना उनके दिमाग़ ने नहीं माना| जब इस बहादुर औरत ने इस पुरानी परंपरा को दूर करने का फ़ैसला लिया, तो शुरूवात में उसे अपने ससुरालवालों से प्रतिरोध का सामना करना पड़ा|
गांव के कई लोग आगे आए और उसके खिलाफ शिकायत की। लेकिन उसने पीछे हटने से इनकार कर दिया और आखिर में उसे उसका रास्ता मिल गया| वह अब अपने ससुराल वालों के परिवार के सदस्यों, गाँव के बुजुर्गों और अधिकारियों सा ना केवल मिलती है बल्कि अपने पति Sohan Lal को उसके पहले नाम से भी बुलाती है|
अपने पति के समर्थन के बिना वो ये बिल्कुल नहीं कर सकती थीं| Neelam के proud पति का कहना है कि लोग कहते थे उनकी पत्नी मीटिंग्स में बिना घूँघट के जाती है, उन्हें उसे कंट्रोल में रखना चाहिए| लेकिन अब उन्हें इस बात का महत्व पता चल गया है| सरपंच के रूप में उनकी पत्नी ने गाँव के लिए बहुत कुछ किया है और उन्हें अपनी पत्नी पर गर्व है|
धीरे-धीरे लोगों ने इसे सामान्य रूप से लेना शुरू कर दिया और Neelam ने गाँव की हर औरत के लिए घूँघट मुक्त जीवन सामान्य बनाने का फैसला कर लिया| गाँव की सरपंच ने खुशी से एक इंटरव्यू में बताया कि अब महिलाएँ अपने सामाजिक अधिकारों के बारे में अधिक आत्मविश्वासी और जागरूक हैं और सामाजिक विकास कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेती हैं।