पुणे के Navnath चाय बेच कर हर महीने कमाते हैं 12 लाख रुपये
Yewale Amrutalay की कहानी तब शुरू हुई, जब 16 साल पहले Dashrath Yewale पुणे आए और ज़िंदगी जीने के लिए दूध बेचने लगे, जो कि बाद में एक चाय की दुकान खोलने के आइडिया में तब्दील हो गया| Dashrath ने चाय बेचने के लिए पुणे के ही केम्प डिस्ट्रिक्ट में एक दुकान किराए पर ले ली और उसके बाद 1983 में उन्होनें सॅल्ज़बरी पार्क में खुद की एक दुकान खरीद ली| जैसे ही उनका बिज़्नेस बड़ा, उन्होनें चाय के साथ snacks भी menu में introduces कर दिए और पुणे के अप्पा बलवंत चौक के साथ-साथ ढंकावडि के भारती विद्यापीठ के पास अपने outlets खोल दिए| Dashrath का 2001 में निधन हो गया, लेकिन कहानी यहीं ख़त्म नहीं हुई|
अपने पिता की मृत्यु के बाद, Navnath Yewale और उनके भाइयों ने परंपरा को आगे बढ़ाने और चाय बेचने के लिए पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करने के लिए खुद इसकी ज़िम्मेदारी ले ली| इस प्रकार बाजार को कैप्चर करने का तरीका जानने के लिए रिसर्च और डेवेलपमेंट का intensive period शुरू हुआ| Navnath ने बताया कि उन्होनें अपनी सभी ब्रांचेस में दूध, चाय और चीनी के समान अनुपात का उपयोग करके उनकी चाय का मानकीकरण करने में करीब पांच महीने बिताए| जबकि, चाय को उबालने के लिए 7 मिनिट लगते हैं, लेकिन चाय बनाने से पहले दूध को 2 बार उबाला जाता है| इस सरल फ़ॉर्मूले से उनकी हर ब्रांच में एक जैसी चाय पीने का स्वाद बरकरार रहता है| Teahouse को एक महीने में लगभग 1000 किलो चीनी और 300 किलो टी-पाउडर की जरूरत होती है, ताकि तीनों ब्रांचेस में अनगिनत कप चाय बन सके|
Navnath Yewale ने कहा कि वह शहर में 100 ब्रांचेस खोलने का प्लान बना रहे हैं और कुछ अंतरराष्ट्रीय आउटलेट भी| अगले कुछ सालों में वह 10,000 से ज़्यादा लोगों को रोज़गार देने में सक्षम हो जाएँगे| हर रोज़ उनके teahouse की तीनों दुकाने मिलकर 5000 कप चाय बेचती हैं, जिसमें हर महीने उनका लगभग 12,00,000 रुपये का revenue होता है, जिसमें एक कप चाय की कीमत 10 रुपये है|