Om Paithane एक cab driver से बने Indian Army Officer
ये एक ऐसी घटना थी जिसमें एक colonel को अपनी cab में बैठाने के बाद Om Paithane की ज़िंदगी एक Army cadet के रूप में बदल गई| कभी ड्राइवर की सीट पर बैठने वाला पुणे का Om जल्द ही Officers Training Academy (OTA) से पास आउट होकर एक जूनियर कमिशंड ऑफीसर के तौर पर अपनी battalion की कमान संभालने को तैयार है|
Paithani ने कहा कि उनके पिता एक ड्राइवर थे, जिन्होनें एक accident में अपने दोनों पैर खो देने के बाद एक चौकीदार की नौकरी शुरू कर दी थी| बीएससी कंप्यूटर साइंस की फाइनल year की पढ़ाई के वक़्त उन्हें परिवार की ज़िम्मेदारी उठानी पड़ी| इसलिए उन्होनें गाड़ी चलानी शुरू कर दी| एक दिन एक रिटाइर्ड कर्नल ने उनकी cab hire करी| उन दोनों के बीच बातचीत हुई और कर्नल ने उन्हें combined defence services examination और उसकी endless opportunities के बारे में बताया| ये बात उनके दिमाग़ में घर कर गयी|
Om ने बताया कि जब उन्होंने इस exam के बारे में अधिक बातें जानने के लिए रिटायर्ड कर्नल को कॉल किया तो उनका काफी सपोर्ट मिला|वह कहते हैं कि जीवन में सफल होने के लिए मार्गदर्शन जरूरी है और उस मार्गदर्शन के लिए एक शिक्षक का होना जरूरी है|
जल्द ही अपने ग्रॅजुयेशन को पूरा करने के बाद Om Paithane ने CDS का एग्ज़ॅम दिया और पहले ही attempt में पेपर crack कर लिया| उन्होनें सबसे पहले उसी रिटाइर्ड ऑफीसर को फोन किया, जो कि उनको इसमें guide कर रहे थे| उस वक़्त Om बेफ़िक्र हुआ करते थे और उन्हें उसी में मज़ा आता था| महाराष्ट्र के पुणे-बेंगलुरू राजमार्ग के टोंडल गांव के Om ने कहा कि ट्रैनिंग ने उन्हें discipline और manners सिखाए|
Om Paithane, 257 कैडेटों में से एक हैं, जो 10 मार्च को OTA से पास आउट हो जाएँगे| इस साल अलग-अलग समूह के कैडेट्स हैं, जिनमें कई इंजिनीयर्स, राष्ट्रीय स्तर की महिला मुक्केबाज़, रग्बी में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले और 2 Army widows शामिल हैं| उनमें से ज़्यादातर ट्रैनिंग को खुद को अपने अंदर की ताकत साबित करने और दूसरों के लिए एक उदाहरण बनने का अवसर के रूप में देखते हैं| पुरुषों और महिलाओं के लिए यह गर्व का एक क्षण है|