काट के चालान ,Sandeep देता है ऐसा Gift जो बचाता है जान
जब भी Sandeep off duty होते हैं तो अपने कुछ Traffic department के दोस्तों के साथ north-west Delhi के रोहिणी के क्रॉसिंग पर पहुँच जाते हैं| साथ मिलकर वह लोग helmetless riders को रोक कर, rule तोड़ने के लिए उन्हें बुक कर देते हैं| लेकिन इस कार्रवाई की दंडात्मक प्रकृति वहां बंद हो गयी, जब Sandeep ने riders को free में helmet देने शुरू कर दिए| Sandeep का कहना है कि जब traffic police यातायात का उल्लंघन करने वालों को बुक कर देती है, उसके बाद वो उन riders को हेलमेट्स पहन के गाड़ी चलाने के बारे में समझाते हैं और जब rider मान जाता है तो वो उसे helmet देते हैं|
कांस्टेबल का कहना है कि दिल्ली पुलिस के साथ अपने करियर में उन्हे एहसास हो गया है कि मोटरसाइकिल से जुड़ी 90% सड़क की मौत लोगों के हेलमेट ना पहनने या गलत तरीके से पहनने के कारण होती है| इस मुद्दे के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए उन्होनें helmet देने की शुरुआत की। Sandeep अपने इस काम के लिए एक तरीका अपनाते हैं| वह सुनिश्चित करते हैं कि हेलमेट वितरण विशेष रूप से त्योहारों, रक्षा बंधन और भैया-दूज पर विशेष रूप से खास है| उन दिनों, वह महिलाओं और बच्चों के साथ बातचीत करते हैं और हेलमेट-रूल्स के बारे में उन्हें बताते हैं कि अगर उनके घर के लोग हेलमेट्स का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो इससे दुर्घटना हो सकती है|
इस do-gooder ने पीरगढ़ी और पीतमपुरा में पोस्टर लगाए हैं कि सवारों को हेलमेट का इस्तेमाल करना चाहिए| अपने सहयोगियों और पुलिस विभाग से मिली समर्थन के लिए आभारी, संदीप ने बताया कि वह आने वाले वर्षों में अन्य कार्यक्रमों को लेने की योजना बना रहे हैं, जैसे कि मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करने और सीट बेल्ट पहने के बारे में जागरूकता पैदा करना|
दिल्ली पुलिस के डीसीपी मधुर वर्मा ने कहा कि पुलिस अपने काम के मूल्य को पहचानती हैं “यह एक personal venture है, लेकिन दिल्ली पुलिस इसकी अत्यधिक सराहना करती है”|