IAS Officer बनने के लिए 3 साल तक लड़े दृष्टिहीन Ajit Kumar
Ajit Kumar Yadav , जिन्होंने हाल ही में IAS के लिए एक नियुक्ति पत्र प्राप्त किया है, का कहना है कि उनकी दीर्घकालिक बीमारी के कारण उनकी eyesight चली गयी थी|Ajit ने Civil Services Examination में 791 सफल उम्मीदवारों के बीच 208 rank हासिल किया था , इसके बावजूद उन्हें अंधेपन के कारण IAS की नियुक्ति से वंचित किया गया। इसके बाद उन्होनें अपने अधिकारों के लिए एक मुकदमा दायर किया और तीन साल का कानूनी संघर्ष लड़ा|
सिर्फ पांच साल में अपनी eyesight खोने वाले अजित ने Springdales school, New Delhi से अपनी पढ़ाई पूरी की जहाँ पर वो class में हमेशा First आते थे| 1 99 0 में अजीत के पास braille किताबें उपलब्ध थीं लेकिन उस किताबों के विषय बहुत सीमित थे। Delhi university के Ramjas College से Political Science में Master’s करने के बाद अजीत ने Haryana के एक सरकारी स्कूल में पढ़ाना शुरू किया। फिर उन्होंने UGC NET-JRF clear करके , Shyamlal College of Delhi University में Assistant Professor बने|
Assistant Professor के interview में, जब उनसे पूछा गया कि वह class में students को कैसे manage करेंगे , तब Ajit Kumar ने इस सवाल का जवाब अपने काम के रूप में दिया। उनकी teaching style इतनी excellent थी कि बच्चे sunday को भी आने को तैयार थे |
2008 में , जब उन्होनें Civil Services Examination clear किया, तो उनके पास IAS के बजाये Indian Railway Personnel Service में post offer करी गयी | उन्होंने इस भेदभाव के खिलाफ मामला दायर किया और बहादुरी से लड़ाई लड़ी और कहते है न की जिसे आप मन से पाना चाहो ,उसे आप हासिल कर ही लेते हैं ,कुछ ऐसा ही हुआ Ajit के साथ भी |
Ajit Kumar ने Mussoorie में Lal Bahadur Shastri National Academy of Administration से IAS की training करी | अपने एक interview में उन्होनें ये भी कहा है की वो पैसों के लिए नहीं , लोगों और समाज की सेवा करने के लिए IAS बने हैं |