नया चेहरा भी नहीं डगमगा सका Narendra Ram के आत्मविश्वास को
इंसान का चेहरा उसकी सबसे बड़ी पहचान होता है| लेकिन, जब 48 साल के Narendra Ram ने 29th August को एक Bear attack से नयी ज़िंदगी पाई, जिससे कि उन्हें पहचानना मुश्किल हो गया, साथ ही उनकी बाईं आँख की रोशनी चली गयी, तो उनके लिए ये बहुत दुख की बात थी| 2 महीने के बाद एक complicated reconstructive surgical procedure से उन्हें उनका चेहरा वापिस मिल गया और Ram अब फिर से अपनी नयी ज़िंदगी जी रहे हैं और काफ़ी हद तक वह स्वस्थ हैं|
उस जानलेवा हमले वाली शाम, जब भालू ने उनपर हमला किया तब वह अपने एक करीबी दोस्त के साथ Chamoli district के Jhinjirani गाँव के पास वाले जंगल में घास चर रहे अपने जानवरों को लेने गये थे| उसके पंजों ने Ram की एक आँख और उनका पूरा चेहरा खराब कर दिया|
Narendra Ram बताते हैं कि उन्हें नहीं पता कि अचानक वह भालू वहाँ कैसे आया| वह उनकी नाक, होंठ, कान खा गया और दोनों की लड़ाई के दौरान उसने उनकी कमर पर भी काट दिया| तब तक उनका दोस्त गाँव-वालों के साथ वहाँ पहुँच गया, जिससे भालू भाग गया| उसके बाद दर्द में कराहते हुए Ram बेहोश हो गये| उन्हें याद नहीं कि उन्हें किस तरीके से घर पहुँचाया गया| उसके बाद, 6 दिन बाद जब उनकी आँखें खुली तो उन्होनें खुद को Dehradun के एक private hospital में पाया|
Ram याद करते हैं कि किस तरह से तब से doctors उनके pelvic area से हड्डियाँ और उनकी arms से tissues निकालकर उनकी नाक को सही कर रहे थे| 21 दिनों तक उनकी गर्दन को बिना हिलाए-डुलाए straight और arms को भी सीधा बाँधा गया था| वह अपनी गर्दन बिल्कुल नहीं हिला सकते थे|
इंतज़ार के उन दिनों में Ram अपने आप को अकेला महसूस करते थे क्यूंकी शरीर के दर्द से भी उन्हें लड़ना था और उन्हें पता था कि वह अपनी identity भी खो चुके हैं| वो ऐसे दिन थे जब उनकी आँखों में बस आंशु रहते थे| उन्हें हमेशा ये लगता था कि उनका परिवार किस दौर से गुज़र रहा है| उनके लिए ज़िंदगी अंधकार हो गयी थी, इसलिए नहीं क्यूंकी उनकी आँख की रोशनी चली गयी थी बल्कि इसलिए क्यूंकी उनके दिमाग़ में अब कुछ नहीं रह गया था|
Ram की willpower उनको इससे बाहर ले आई| उन्होनें अपने विश्वास को बनाए रखा | हालाँकि उन्होनें अपना चेहरा खो दिया है लेकिन उन्हें विश्वास है कि उनकी पहचान उन्हें ज़रूर वापिस मिलेगी| यही वज़ह है जिससे उन्हें इतने complicated procedure और recovery process में मदद मिली|
Narendra Ram, जबकि इसका सारा श्रेय अपने बेटों Satish, 22, और Govind, 19 और पत्नी Vimla Devi को देते हैं|