Imran Ali ने कराया Odisha में पूरी तरह से gutka-ban
Odisha के एक responsible नागरिक Imran Ali ने Social Work में अपनी Master’s degree लेते हुए अपने शहर में तंबाकू के कहर को देखा| Imran अपने शहर के युवाओं के साथ-साथ 10 साल से छोटे बच्चों को तंबाकू उत्पादों का शिकार हुए देखकर shock हो गये| यह experience उनको shock कर गया और इसका result ये हुआ की उन्होनें तंबाकू के खिलाफ अपने राज्य में खुद ही crusade शुरू कर दिया|
अपने दोस्तों के साथ मिलकर उन्होनें slums में awareness programs शुरू किए और parents को इस बढ़ती समस्या के बारे में बताया| धीरे-धीरे Imran ने भुबनेश्वर के कुछ like-minded युवा लोगों के साथ मिलकर Nasha Mukti Yuva Sankalp (NMYS) शुरू किया| ये tobacco/alcohol addiction और substance abuse के खिलाफ एक voluntary campaign था| 30 युवा लोगों ने Imran के साथ voluntarily काम करने के लिए हाथ मिला लिया| उन्होनें शहर के स्कूल और कॉलेजों में जाकर awareness programs conduct करना शुरू कर दिया और कुछ ही समय में एक planned manner में इसमें advocacy शुरू कर दी|
Imran और उनकी टीम ने notice किया कि ज़्यादातर OMFED (Orissa State Cooperative Milk Producers’ Federation Limited) booths tobacco और smoking hubs में बदल गये हैं| Milk से ज़्यादा कोई भी इंसान इन booths पर tobacco products आसानी से पा सकता था| इसलिए Imran ने अपने दोस्त Jitendra Kumar Sahoo के साथ मिलकर Odisha High Court में एक PIL फाइल करी ताकि milk parlours से tobacco products की sale पर सबसे पहले ban लगे|
HC के एक senior advocate Biren Tripathi उनका case free में लेने को तैयार हो गये और आख़िरकार उनको जीत हासिल हुई| कोर्ट ने 2011 में Odisha के milk parlours में तंबाकू की sale पर ban लगा दिया|
इस जीत ने उनके अंदर आत्मविश्वास पैदा कर दिया| Imran का मानना है कि यदि आप कोई अच्छा काम करते हैं तो वह दिखता है|
अपनी आधी लड़ाई जीतने के बाद, पूरी तरह से गुटके की sale और business पर ban लगाने के लिए campaign शुरू कर दिए| इस वक़्त एक NGO Committee for Legal Aid to Poor उनकी मदद के लिए आगे आया| Nasha Mukti Yuva Sankalp की एक बार फिर से जीत हुई और 2013 में state में gutke पर पूरी तरह से ban लग गया|