“Out of system” बच्चों को admission देता है Mysuru का यह स्कूल
Mysuru से 15km दूर Kenchalagudu गाँव में एक स्कूल है Kaliyuva Mane| लेकिन यह स्कूल बाकी स्कूलों की तरह पारंपरिक स्कूल नहीं है| यह स्कूल उन बच्चों के लिए है जो “out of system” हैं| इस स्कूल में वह बच्चे हैं जो ग़रीब परिवारों से हैं, जिनके माता-पिता पढ़ाई का महत्व नहीं जानते, जिनमें कोई intellectual disabilities हैं, जो स्कूल dropouts हैं या फिर जो child labourers हैं|
कन्नडा में Kaliyuva Mane का मतलब ‘home for learning’ होता है| बच्चों को पहली बार स्कूल आने पर कोई क्लास में नहीं बैठाया जाता है| उन्हें campus में फ्री छोड़ दिया जाता है और जो वह करना चाहते हैं वह काम करने की पूरी छूट दी जाती है और टीचर उन्हें observe करते हैं| बच्चे का academic level जानने के बाद, उसकी ज़रूरत के हिसाब से curriculum बनाया जाता है|
Admission लेने आए बच्चों को सबसे पहले इंटरव्यू लिया जाता है और उसके बाद गाँव के first generation BPL families के बच्चे और 12 साल से नीचे के बच्चों को preference दी जाती है| Admission के वक़्त बच्चे या उसके माता-पिता को उनकी caste या religion लिखना ज़रूरी नहीं है|
Kaliyuva Mane एक free quasi-residential experimental स्कूल है| 35 बच्चे हैं जो स्कूल campus में रहते हैं, उसके अलावा सब day scholars हैं| कुछ teachers voluntarily पढ़ा रहे हैं और कुछ salaried employees हैं| स्कूल Kannada medium है और subjects में Kannada, English, math, science, और social studies पढ़ाई जाती है, इन classes के अलावा basic hygiene, moral values classes भी दी जाती हैं| हर 10 बच्चों के लिए 1 टीचर है|
इंजिनियरिंग पढ़े Ananth ने स्कूल चलाने के लिए अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर Divya Deepa Charitable Trust की शुरूवात की| आख़िरकार 2005 में 14 बच्चों के साथ उन्होनें Kaliyuva Mane शुरू किया और आज यहाँ 114 बच्चे पढ़ रहे हैं, जिनमें से 4 अब कॉलेज में हैं|