दृढ़-संकल्प, कड़ी मेहनत और positive spirit से Bharud बने IAS Officer
30 साल के IAS Officer Dr.Rajendra Bharud, Bhul tribe से हैं| Kinwat और Mahore तहसील में वह Assistant Collector और Sub Divisional Magistrate के पद पर हैं| ये तहसीलें Maharashtra की सबसे पिछड़े tribal areas में से हैं|
Bharud के लिए उनकी personal और educational लाइफ काफ़ी संघर्ष भरी थी| जब वह अपनी माँ के पेट में थे, तभी उनके पिता की मृत्यु हो गयी थी| उनकी माँ के लिए बच्चों को पालना और पढ़ाना आसान नहीं था| उनकी माँ पढ़ी-लिखी नहीं थी, पर वह हमेशा चाहती थी कि उनके बच्चे पढ़-लिख सकें| Free education की बदौलत Bharud ने अच्छे नंबरों से अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी कर ली|
पढ़ाई के प्रति उनकी रूचि और दृढ़-संकल्प से उन्होनें 12वीं क्लास 95% के साथ पास की| उन्होनें Common Entrance Test भी पास कर लिया और उन्हें MBBS में सीट मिल गयी| MBBS करने के दौरान ही उन्होनें UPSC का exam भी clear कर लिया| यहीं से उनके IAS Officer बनने का सफ़र शुरू हुआ|
उनकी माँ जिसने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा दी थी, हमेशा चाहती थी कि वह एक doctor या police officer बने, लेकिन उन्होनें दोनों बनकर दिखाया|
वह Maharashtra के Dhule में posted हैं और वहाँ के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने का पूरा प्रयास कर रहे हैं| वह गाँव के लोगों में शिक्षा के महत्व को बढ़ाना चाहते हैं| वह अपने गाँव और वहाँ के लोगों को प्रगति की ओर ले जाना चाहते हैं| Regular checks के लिए वह बच्चों से मिलने Anganwadi centers जाते हैं और अपनी पूरी मदद उनको देते हैं|
Bharud का autobiographical sketch ‘Mee ek swapn pahila’ मराठी में release हो चुका है और पिछले 3 साल में इसकी 70,000 से ज़्यादा copies बिक चुकी हैं| इस book में उनके बचपन से जुड़ी बातें, बड़े होने तक का उनका संघर्ष और civil services exam को पास करने का सफ़र और उनकी positive spirit के बारे में बताया गया है|
Bharud जैसे लोग ही हमें दृढ़ निश्चय के साथ आगे बढ़ने और कभी हार ना मानने की प्रेरणा देते हैं|