दोनों हाथ खोने के बाद Dhaval Khatri खुद की किस्मत दोबारा लिख बने एक fabulous painter
14 साल की उम्र में Dhaval Khatri ने एक accident में अपने दोनों हाथ खो दिए| इस वज़ह से उसे स्कूल ने यह कहकर निकाल दिया कि अब उसके लिए पढ़ाई किसी सपने से कम नहीं| एक 14 साल के लड़के के लिए इससे बड़ी दिल दुखाने वाली बात कोई और नहीं हो सकती| लेकिन Dhaval जानते थे कि ज़िंदगी ने उनके लिए बहुत सी खूबसूरत चीज़ें लिखी हैं|
इसलिए उन्होनें इससे लड़ने का ठान लिया| उन्होनें एक दूसरे स्कूल में admission लिया और बख़ूबी अपना graduation complete किया|
Uttarayan का दिन था और इसलिए Dhaval अपने किसी relative की छत पर पतंग उड़ा रहे थे| पतंग उड़ाते-उड़ाते उन्होनें ना जाने कैसे अपना हाथ पतंग की डोर समझ के बिजली के तार पर रख दिया| उन्हें बहुत बड़ा झटका लगा और वह छत से सीधे नीचे ज़मीन पर गिर गये, जिससे उनका दिल कुछ सेकेंड्स के लिए धड़कना बंद हो गया| किस्मत से वहाँ से एक डॉक्टर गुज़र रहा था, जो Dhaval को hands-only CPR देकर उसकी साँसें वापिस ले आया| उसके बाद उन्हें जल्दी ही पास के एक हॉस्पिटल ले जाया गया| उनके हाथ बुरी तरह जल चुके थे और डॉक्टर ने उनके हाथों को काटने में ही भलाई बताई|
Dhaval Khatri ने ना सिर्फ़ ज़िंदगी के इतने कठिन दौर को पार किया बल्कि उन्होनें अपने आप को ज़्यादा सक्षम साबित किया| उन्हें क्रिकेट और फुटबॉल खेलना बहुत पसंद है| उन्हें Guitar बजाने में भी महारत हासिल है| इतना ही नहीं, वह अब एक successful painter बन चुके हैं| उनकी माँ ने उन्हें पेन और पेन्सिल पकड़ना सिखाया| धीरे-धीरे Dhaval स्केचिंग और पैंटिंग करना सीख गये| उन्होनें अपने-आप को इसके पीछे 6 महीने के लिए समर्पित कर दिया और उनकी grip पेंटिंग्स में हो गयी|
कॉलेज करने के बाद उन्होनें काफ़ी colleges में पैंटिंग के कोर्स के लिए apply किया, लेकिन सभी यूनिवर्सिटीस ने उन्हें reject कर दिया| उन्होनें फिर भी हार नहीं मानी, बल्कि खुद ही बिना किसी guidance के उन्होनें पैंटिंग करना शुरू कर दिया|
आज तक वह 300 से भी ज़्यादा पेंटिंग्स बना चुके हैं| Dhaval Khatri बहुत से TV Shows में भी भाग ले चुके हैं| सबसे अच्छी बात यह है कि, जिस लड़के को स्कूल ने दोनों हाथ खोने की वजह से निकाल दिया था, उसी को आज अलग-अलग देशों से paintings के orders आ रहे हैं|
अपनी इस सफ़लता के लिए Dhaval Khatri एक ही बात कहते हैं- ‘I am an artist not by choice but by chance’