हर दिन 5रु. कमाने वाली D Anila Jyothi Reddy ने US कंपनी की CEO बन बनाई खुद की किस्मत
Warangal के fields से हर दिन 5रु कमाने से लेकर US में Key Software Solutions की CEO बनने तक का D Anila Jyothi Reddy का सफ़र बहुत लंबा रहा|
इस charismatic entrepreneur, जिसके आज 63 employs हैं, की कहानी किसी हिन्दी movie के drama से कम नहीं है| Reddy एक ग़रीब परिवार में 5 भाई-बहनों में दूसरे नंबर की थी| उनकी माँ के गुजर जाने बाद उन्हें एक orphanage भेज दिया गया ताकि वह वहाँ से पढ़ाई कर सके| उन्होनें first divison में 10th क्लास तो पास कर ली, लेकिन ग़रीबी के कारण आगे की पढ़ाई नहीं कर पाईं और उन्होनें फील्ड्स में काम करना शुरू कर दिया|
16 साल की उम्र में ज़बरदस्ती उनकी शादी उनके दूर के एक भाई से कर दी गयी और उसी के अगले 2 साल में उनके 2 बच्चे हो गये| ग़रीबी से तंग आकर और बच्चों को अच्छा भविष्य देने के लिए Reddy ने बहुत सी job ढुंडी| 1988 में उन्होनें 120रु महीने में एक adult education teacher की जॉब join की| उस वक़्त 120रु Reddy के लिए बहुत थे वह कम से कम अपने बच्चों को दूध और फल खिला सकती थीं| उसके बाद उन्होनें 200रु महीने में एक National Service Volunteer का काम किया|
पति के माना करने पर वह Mailaran गाँव छोड़ कर अपने बच्चों के साथ Hanamkonda शहर चली गयी| वहाँ उन्होनें एक typing institute join कर craft course किया और हर दिन का 20 से 25रु (एक पेटिकोट 1रु सिलाई) कमाना शुरू कर दिया| उन्हें Janasikshana Nilayam में librarian की जॉब मिल गयी और उन्होनें अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए एक open skul भी जाय्न कर लिया|
1992 में उन्हें Warangal से 70km दूर Ameenpet में 18 महीनों के लिए special teacher की जॉब मिल गयी| लेकिन आने-जाने का खर्च salary से भी ज़्यादा था| वह extra income कमाने के लिए ट्रेन में साड़ियाँ बेचा करती थी| आख़िरकार 1994 में उन्हें 2750रु. में एक regular job मिल गयी| उन्होनें mandal girl child development officer और स्कूल inspect करने का काम किया|
यह महत्वकांशी औरत फिर भी संतुष्ठ नहीं हुई क्यूंकी उसे उसके बच्चों का भविष्य भी देखना था| उन्होनें 1998 में जब US से आए अपने cousin को देखा तो उन्हें उसके और अपने रहन-सहन में बड़ा अंतर दिखा और उन्होनें सोच लिया कि वह भी अपने cousin की तरह software course सीखने के बाद US के लिए try करेंगी|
उसके बाद उन्होनें Hyderabad से software course किया| उसके बाद उन्होनें अपना पासपोर्ट और H1visa बनवाया और सन् 2000 में US चली गयीं, जहाँ उनका cousin रहता था| वहाँ उन्होनें एक shop में 12 घंटों में 60$ की job शुरू कर दी और एक Gujarati family के साथ paying guest की तरह रहने लगीं|
उसके बाद उनके US एक जानने वाले ने उन्हें software recruiter की तरह उसे जाय्न करने को कहा| हालाँकि Reddy को English ठीक से नहीं आती थी लेकिन धीरे-धीरे उन्होनें अपनी इस कमज़ोरी को भी दूर कर लिया और खुद की कंपनी शुरू कर दी|
उनका मानना है कि कड़ी मेहनत और होशियारी से कोई भी औरत एक अच्छी businessmen बन सकती है| वह कहती हैं कि आदमियों पर depend रहने से अच्छा है कि औरतों को economically independent रहकर खुद decision लेने चाहिए| अपनी किस्मत हर कोई खुद बनाता है|