दृष्टिहीन राजशेखर ने Chartered Accountant बन खोली सबकी दृष्टि
आज भारत में बहुत से ordinary लोग extraordinary काम कर के अपना मुकाम हासिल कर रहे हैं| लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो हार मान लेते हैं| उन्हीं लोगों को प्रेरणा दी है Rajashekhar Reddy ने, जिन्होनें visually impaired होते हुए भी Chartered Accountancy clear कर लिया|
Rajashekhar, Andhra Pradesh के Guntur में एक low income family में पैदा हुए| उनके पिता एक एलेक्ट्रीशियन होते हुए बस परिवार का गुज़ारा ही चला पाते थे| Rajashekhar 11 साल तक बिल्कुल सही थे| 5th standard में एक सिर के tumor की वजह से उनकी दोनों आँखों की रोशनी चली गयी| उनकी माँ, घर की हालत देखकर जॉब करने का मान बना चुकी थी पर इस हादसे के बाद उन्होनें बेटे को प्यार और उसका ख़याल रखना ज़रूरी समझा| इसी decision ने Rajashekhar की ज़िंदगी बदल दी|
ज़िंदगी में कोई मार्गदर्शन ना होने पर उनकी दादी उनके जीवन में आशा की किरण लेकर आई, जब उन्होनें Rajashekhar के माता पिता को Hyderabad के एक blind school के बारे में बताया| और यही Reddy की ज़िंदगी का turning point था, जहाँ से उन्होनें अपनी बीती ज़िंदगी भूलकर एक नयी शुरूवात की| जब वह class 10th में थे तब उन्हें Chartered Accountancy के बारे में पता चला| उनका पूरा focus अपने लक्ष्य ओर होते हुए उन्होनें अपनी B.Com की पढ़ाई पूरी की|
Chartered Account का exam क्लियर करना मुश्किल होता है, पर देख ना पाने की वजह से Rajashekhar के लिए यह और challenging था| बदक़िस्मती से उन दिनों Chartered Accountancy के लिए Braille script books available नहीं थी| लेकिन किस्मत से एक NGO रेड्डी की मदद के लिए आगे आया| NGO ने राजशेखर के CA coaching टीचर के साथ मिलकर उसके study material को audio में convert करवाया| उनका घर उनके training सेंटर से बहुत दूर था, जिसके लिए Rajashekhar को सुबह 6 बजे से पहले bus पकड़नी पड़ती थी|
2013 में, जब वह 23 साल के थे, उन्होनें अपनी मेहनत से Chartered Accountancy clear कर लिया| उन्होनें दुनिया को यह दिखा दिया कि दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से कोई भी सपना पूरा हो सकता है|
Rajashekhar की यह कहानी prove करती है कि आपकी कड़ी मेहनत और विश्वास आपको आपके लक्ष्य तक ज़रूर पहुँचाता है|