“Doctor Of Roads” हैं गंगाधर तिलक कटनम
हम सबने बहादुर और निडर दशरथ मांझी की कहानी तो सुनी ही है, जिन्होनें पहाड़ काट कर लोगों के लिए नया रास्ता बनाया था|
इसी तरह कुछ साल पहले रेलवे से रिटायर होने के बाद गंगाधर तिलक कटनम ने हैद्राबाद की सड़कों के गड्ढों को भरने का बीड़ा उठाया| कटनम हमेशा अपनी गाड़ी की बॅक्सीट पर गड्ढों को भरने के लिए mixed gravel से भरे कुछ बैग लेकर चलते हैं| आज तक वह लगभग 1,125 गड्ढों को हैद्राबाद की सड़कों पर भर चुके हैं|
रेलवे की नौकरी छोड़ने के बाद तिलक अपनी pension का पैसा गड्ढों को भरने में लगाने लगे, जिससे उनकी पत्नी नाराज़ हो गई क्यूंकी वह उन्हें तेज़ धूप में काम करते हुए नहीं देख सकती थी| इसलिए उनकी पत्नी ने अपने बेटे को यह बात बताई और U.S से उसे पति को समझाने के लिए घर बुला लिया|
लेकिन तिलक के बेटे ने अपने पिता की लगन को देखते हुए उनका साथ देने का फ़ैसला किया और उनकी एक वेबसाइट और फ़ेसबुक पेज बना दिया|
और इस तरह “श्रमदान”, जो कि एक volunteer programme है वह शुरू हुआ| जहाँ बच्चे और young लोग मिलकर गड्ढों को भरने का काम करते हैं| उनका एक हेल्प-लाइन नंबर भी है जिसमें कॉल कर के लोग अपने area के गड्ढों की जानकारी दे सकते हैं|
तिलक कभी कोई डोनेशन और फंड्स नहीं लेते हैं, बल्कि अपनी जेब से खुद खर्चा करते हैं| उन्हें जानने वाले लोग “डॉक्टर ऑफ रोड्स” के नाम से भी जानते हैं|
उनके इस निस्वार्थ भाव और लगन को हमारा सलाम है|
Photo Credit : Taken from different Google sites